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Pic: ANI

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    नई दिल्ली. सुबह की अन्य बड़ी खबर के अनुसार,युद्धग्रस्त यूक्रेन (Ukraine) से भारत लौटे 20 हजार मेडिकल छात्रों का भविष्य अब खतरे में दिखाई दे रहा है। जी हां, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ.भारती प्रवीण पवार ने बीते मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम-1956 और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम-2019 के तहत विदेश में पढ़ाई करने वाले किसी मेडिकल छात्र को फिलहाल देश के कॉलेजों में एडजस्ट नहीं किया जा सकता। इसलिए, यूक्रेन से लौटे किसी भी भारतीय छात्र को देश के शिक्षण संस्थानों में पढ़ने की अब तक कोई भी अनुमति नहीं दी गई है।

    गौरतलब है कि, बीते मंगलवार को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने संसद को बताया कि, विदेश मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक, करीब 20,000 भारतीय छात्र यूक्रेन से लौटे हैं। ये छात्र या तो विदेशी मेडिकल स्नातक स्क्रीनिंग टेस्ट विनियम, 2002″ या “विदेशी चिकित्सा स्नातक लाइसेंस विनियम, 2021” के तहत आते हैं।

    इसके साथ ही, स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती पवार ने सदन को सूचित किया कि नेशनल मेडिकल कमीशन द्वारा किसी भी भारतीय चिकित्सा संस्थान / विश्वविद्यालय में किसी भी विदेशी मेडिकल छात्र को स्थानांतरित करने या समायोजित करने की अनुमति नहीं दी है।

    हालाँकि, उन्होंने बताया कि विदेश मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, कीव में भारतीय दूतावास ने छात्रों को आसानी से प्रतिलेख और अन्य दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए यूक्रेन में सभी संबंधित विश्वविद्यालयों के साथ भी संपर्क किया है। वहीं उनका कहना था कि, केंद्र सरकार ऐसे सभी छात्रों की हरसंभव सहायता के लिए प्रतिबद्ध है।