Chandrayaan-3
Photo: ISRO

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नई दिल्ली: पूरी दुनिया नई नजरें चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) की लैंडिंग पर है। जी हां जैसा की हम सब जानते है का चंद्रयान-3 की लैंडिंग वक्त अब नज़दीक आ रहा है। इसके लैंडिंग के लिए इसरो ने बुधवार यानी 23 अगस्त शाम 6 बजकर 4 मिनट का समय तय किया है, हालांकि जानकारी के लिए आपको बता दें कि हालात को देखते हुए इसकी तारीख बदली जा सकती है और लैंडिंग को 27 अगस्त तक बढ़ाया जा सकता है, ये सब लैंडिंग के तय समय से दो घंटे पहले की परिस्थिति पर निर्भर करेगा,लेकिन ISRO के लिए असली लड़ाई सिर्फ सॉफ्ट लैंडिंग ही नहीं है, बल्कि चांद की सतह पर पहुंचने के बाद विक्रम और प्रज्ञान की जोड़ी क्या कमाल करती है, इसपर भी दुनिया की नजरें हैं। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते है… 

लैंडिंग के बाद असली परीक्षा

आपको बता दें कि जैसे ही 23 अगस्त शाम 6 बजकर 4 मिनट पर अगर चंद्रयान-3 सही तरीके से चांद पर लैंड हो जाता है, तब वह अपना काम शुरू कर देगा। जी हां मिशन विक्रम लैंडर अभी चांद के काफी करीब है और बुधवार को ही लैंडिंग शुरू करेगा। लैंडर अभी लैंडिंग वाले एरिया की तस्वीरें खींच रहा है, जिसका इसरो अध्ययन कर रहा है। एक बार जब विक्रम लैंडर सफलतापूर्वक लैंड हो जाता है, तब अगले 14 दिन तक एक अहम लड़ाई लड़नी होगी।

क्या होगा आगे? 

दरअसल अभी के परिस्थिति के हिसाब से प्रज्ञान सिर्फ एक लूनर डे यानी 14 दिन तक एक्टिव रहेगा। क्योंकि ये चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतर रहे हैं, ऐसे में इसके रिचार्ज होने की उम्मीद कम है। हालांकि, इसरो को भरोसा है कि प्रज्ञान और विक्रम एक अतिरिक्त लूनर डे तक काम कर सकते हैं, वहां उन्हें सूरज से मदद मिल सकती है।

अगर ऐसा होता है तो इसरो के मिशन की ये बड़ी कामयाबी होगी और चांद से अतिरिक्त डाटा भारत तक आ पाएगा। जानकारी के लिए आपको बता दें कि बुधवार शाम 5 बजकर 20 मिनट पर इसरो द्वारा विक्रम लैंडर की लैंडिंग का लाइव प्रसारण शुरू कर दिया जाएगा।

ज्ञात हो कि रूस का लूना-25 पहले ही क्रैश कर चुका है, ऐसे में अब पूरी दुनिया की उम्मीद हिन्दुस्तान से है, क्योंकि अगर चंद्रयान-3 सॉफ्ट लैंडिंग में सफल होता है, तब भारत दुनिया का पहला ऐसा देश होगा जो चांद के साउथ पोल पर उतरा है, ऐसे में यह हमारे देश के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होगी।