Congress MP Adhir Ranjan Chowdhary
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नई दिल्ली: विपक्षी गठबंधन इंडिया ने दो-दिवसीय दौरे मणिपुर दौरे के बाद दिल्ली वापस आ गए है। अपने दौरे के पहले दिन प्रतिनिधिमंडल ने इंफाल के अलावा बिष्णुपुर जिले के मोइरांग और चुराचांदपुर में कई राहत शिविरों में गया तथा जातीय संघर्ष से प्रभावित लोगों से मुलाकात की।  विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ ने मणिपुर के हालात के प्रति ‘‘घोर उदासीनता” दिखाने और ‘‘चुप्पी” साधने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रविवार को आलोचना की और कहा कि सरकारी तंत्र पूर्वोत्तर राज्य में करीब तीन महीनों से चल रहे जातीय संघर्ष पर काबू पाने में पूरी तरह नाकाम रहा है।  

राज्य और केंद्र सरकार ने अपनी आंखें मूंद ली हैं:  अधीर रंजन चौधरी 

मणिपुर से लौटने के बाद कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों ही मणिपुर के लिए कोई बड़ा कदम नहीं उठा रही हैं। दिल्ली और देश के बाहर भी बड़ी-बड़ी बातें की जा रही हैं…लोगों के घरों में खाना और दवाइयां नहीं हैं, बच्चों के पास पढ़ने के लिए कोई सुविधा नहीं है, कॉलेज के छात्र कॉलेज नहीं जा सकते। दो समुदायों के बीच लड़ाई को खत्म करने के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है…राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने अपनी आंखें बंद ली हैं।’

मणिपुर में स्थिति खौफनाक, दर्दनाक और पीड़ादायक:  सांसद मनोज झा

राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि हम चाहते हैं कि मणिपुर में शांति बहाल हो। हमारी एकमात्र मांग है कि दोनों समुदाय सद्भाव से रहें। मणिपुर में स्थिति खौफनाक, दर्दनाक और पीड़ादायक है। संसद में पहले ही चर्चा हो चुकी है कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को मणिपुर का दौरा करना चाहिए। 

‘ … इसीलिए I.N.D.I.A गठबंधन ने दौरा किया ‘: सुष्मिता देव 

TMC सांसद सुष्मिता देव ने कहा कि हमने मणिपुर की राज्यपाल से कहा कि हम एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल चाहते थे लेकिन सरकार सहमत नहीं थी इसीलिए I.N.D.I.A गठबंधन ने दौरा किया… जब PM मोदी संसद में आएंगे तब हम अपनी बात रखेंगे।  

दोनों समुदायों में असुरक्षा की भावना और विश्वास की कमी: राजीव रंजन (ललन) सिंह

हिंसाग्रस्त राज्य से लौटने के बाद जदयू सांसद राजीव रंजन (ललन) सिंह ने कहा कि दोनों समुदायों में असुरक्षा की भावना और विश्वास की कमी है, उन्होंने राज्य सरकार पर विश्वास की कमी व्यक्त की। उनका कहना है 3 मई के बाद से घटनाएं हुईं लेकिन राज्य सरकार ने इसे नियंत्रित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए। राज्यपाल ने कहा कि वह सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही हैं लेकिन हम जानते हैं कि राज्यपाल के पास सीमित शक्तियाँ हैं और राज्य को चलाने की शक्ति राज्य सरकार के हाथों में है। 

नफरत की राजनीति के कारण वहां नहीं जा सकते प्रधानमंत्री: सांसद एए रहीम

मणिपुर से लौटने के बाद सीपीआई (एम) सांसद एए रहीम ने कहा, “वहां सारी व्यवस्थाएं ठप हो गई हैं। डबल इंजन वहां पूरी तरह से पंगु हो गया है और फेल हो गया है। राहत शिविरों में कोई राहत नहीं है। मैं दोनों केंद्र सरकार के तौर पर चाहूंगा और राज्य सरकार शांति बहाल करेगी। प्रधानमंत्री नफरत की राजनीति के कारण वहां नहीं जा सकते…यह मणिपुर में भाजपा और आरएसएस के नेतृत्व में राजनीतिक ध्रुवीकरण का परिणाम है…”

हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत 

मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। पूर्वोत्तर राज्य की आबादी में मेइती समुदाय के लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासियों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे ज्यादातर पर्वतीय जिलों में रहते हैं। (एजेंसी इनपुट के साथ)