Terrorists attack security forces in Jammu and Kashmir's Shopian
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नई दिल्ली: आज से सात साल पहले आज ही के दिन यानी 18 सितंबर 2016 को जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा (LoC) के पास स्थित भारतीय थलसेना के स्थानीय ऑफिस पर आतंकवादी हमला हुआ था, जिसमें 18 जवान शहीद हो गए थे। 

12 जवान Uri Attack में हुए थे शहीद 
बारामूला जिले के उरी सैक्टर में नियंत्रण रेखा (LoC) के पास सेना के 12 ब्रिगेड मुख्यालय पर  फिदायीन आतंकी हमला कर दिया था, जिसमें 18 जवान शहीद हुए और करीब 20 जवान घायल हो गए थे। आत्मघाती धमाके से टैंटों में आग लगने के कारण शहीद हुए कुछ जवानों के शव झुलस गए थे। सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई में 4 आतंकियों को ढेर कर दिया था।  

18 शहीद जवानों के नाम 

1.सूबेदार करनैल सिंह-शिबू चाक गांव, जिला जम्‍मू, जम्‍मू कश्‍मीर

2.हवलदार रवि पॉल, सांबा, जम्‍मू, जम्‍मू कश्‍मीर

3.सिपाही राकेश सिंह, बाड्डजा गांव, कैमूर, बिहार

4.सिपाही जावरा मुंडा, मेरल गांव, खूंटी, झारखंड

5.सिपाही नाइमन कुजूर, गुमला, गुमला जिला, झारखंड

6.सिपाही यूआइक जानेराव, नंदगांव, गांव, अमरावती, महाराष्‍ट्र

7.हवलदार एनएस रावत, राजवा गांव, राजसमंद, राजस्‍थान

8.सिपाही गणेश शंकर, घूरापल्‍ली गांव, संत कबीर नगर, उत्‍तर प्रदेश

9.नायक एसके विद्यार्थी, बोकनारी गांव, गया, बिहार

10.सिपाही बिश्‍वजीत घोराई, गंगा सागर, दक्षिण 24 परगना, पश्चिम बंगाल

11.लांस नायक जी शंकर, जैसी गांव, सतारा, महाराष्‍ट्र

12.सिपाही जी दलाई, जमुना बलिया, हावड़ा जिला, पश्चिम बंगाल

13.लांस नायक आरके यादव, बलिया, जिला बलिया, उत्‍तर प्रदेश

14.सिपाही हरिंदर यादव, गाजीपुर, जिला गाजीपुर, उत्‍तर प्रदेश

15.सिपाही टीएस सोमनाथ, खादांगली गांव, नाशिक, महाराष्‍ट्र

16.हवलदार अशोक कुमार सिंह, राकटू टोला गांव, भोजपुर, बिहार

17.सिपाही राजेश कुमार सिंह, जौनपुर, जिला जौनपुर, उत्‍तर प्रदेश

18.सिपाही विकास जर्नादन, पुराद गांव यवतमाल जिला, महाराष्ट्र

क्या हुआ था उरी कैम्प में?
जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) के चार आतंकवादियों ने सुबह के 5.30 बजे जम्मू-कश्मीर के उरी कैंप में सेना के हेडक्वार्टर पर हमला कर दिया। हमला कितना भयानक था आप इसी से अंदाजा लगा सकते है कि मात्र 3 मिनट में आतंकियों ने 17 हैंड ग्रेनेड फेंके। इस हमले में सेना 18 जवान शहीद हो गए। सेना के साथ के साथ आतंकवादियों की 6 घंटे तक भयानक मुठभेड़ हुई और अंत में चारों आतंकी मारे गए। यह भारतीय सेना (Indian Army) पर किया गया 20 सालों में सबसे बड़ा आतंकी हमला था।

तंबुओं में थे अधिकतर जवान 
आधिकारिक तौर पर अधिकतर जवानों की मौत उन तम्बुओं और बैरकों में आग लगने से हुई, जहां वे सो रहे थे। कश्मीर में 26 सालों में सेना पर यह सबसे बड़ा हमला है। हमला चेंज ऑफ कमांड यानि एक यूनिट के दूसरी यूनिट की जगह लेने के दौरान हुआ। यह हमला सुबह 5.30 बजे हुआ, जब आतंकियों ने उरी कस्बे के इन्फैंट्री बटालियन के पिछले आधार शिविर को निशाना बनाया। हमले के बाद आतंकियों और जवानों के बीच भारी गोलीबारी हुई, जो करीब चार घंटे चली थी।शहीद होने वाले जवान 11 डोगरा और 6 बिहार रेजीमेंट के थे।

उरी अटैक के बाद भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक
उरी आतंकी हमले के 10 दिनों के भीतर ही सेना ने एलओसी पार करके सर्जिकल स्ट्राइक की। सर्जिकल स्ट्राइक से सेना ने दुश्मनों के घर में घुसकर कई आतंकियों को ढेर किया था। 28 सितंबर की आधी रात को ऑपरेशन शुरू हुआ था और इसमें सेना के एक भी जवान को खरोंच तक नहीं आई थी।

क्या फिर से उरी हमला दोहराने के फिराक में थे आतंकी 
आज से दो दिन पहले यानी 16 सितंबर को  बारामुला जिले के उरी सेक्टर LoC के पास तीन आतंकियों ने घुसपैठ करने की कोशिश में थे। हालांकि भारतीय सेना ने दहशतगर्दों के मंसूबे को नाकाम कर दिया। दहशतगर्दों और भारतीय सुरक्षाबलों के बीच कई घंटे मुठभेड़ हुआ और आखिरकार भारतीय सेना के जवानों ने तीनों आतंकियों को ढेर कर दिया।