Smriti Irani
File Photo : PTI

Loading

मुंबई: भारतीय जनता पार्टी (BJP) में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाली बीजेपी नेता स्मृति ईरानी (Smriti Irani) को कौन नहीं जानता। आज ही के दिन यानी 23 मार्च 1977 को जन्मी स्मृति ईरानी का जन्म हुआ था। वह पंजाबी परिवार से है। इनके पिता अजय कुमार मल्होत्रा का जहां एक पंजाबी थे।मां शिबानी एक बंगाली परिवार से थी। दिल्ली (Delhi) में जन्मी स्मृति ईरानी ने नई दिल्ली में हॉली चाइल्ड औक्सिलियम स्कूल (Holy Child Auxilium School) से अपनी 12वीं कक्षा की पढ़ाई की हुई है। जबकि उन्होंने अपनी डिग्री दिल्ली विश्वविद्यालय से हासिल की हुई है।

बचपन के दोस्त से की शादी

स्मृति ईरानी ने अपने बचपन के दोस्त जुबिन ईरानी (Zubin Irani) से 2001 में शादी किया। उसके पति एक व्यापारी हैं और स्मृति के साथ उनकी ये दूसरी शादी है। वहीं इस शादी से इन दोनों के दो बच्चे हैं।1990 में स्मृति ईरानी अपने सपनों को पूरा करने के लिए दिल्ली शहर को छोड़ मुंबई आ गईं। स्मृति ईरानी को सही पहचान एकता कपूर के द्वारा बनाए गए नाटक ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ से मिली है। इस नाटक में स्मृति ने तुलसी नाम की महिला का किरदार निभाया था। नाटक 3 जुलाई 2000 से 6 नवंबर 2008 तक चला था।

हिंदी, बंगाली और तेलुगू फिल्म में किया काम  

इसके अलावा स्मृति ईरानी ने ओर भी कई सारे नाटकों में अपना अभिनय किया।  ‘क्या हादसा क्या हकीकत’, ‘रामायण’, ‘मेरे अपने’ जैसे नाटक में काम किया। साथ ही उन्होंने बंगाली, हिंदी और तेलुगू भाषा की कुछ फिल्मों में भी काम किया है।  स्मृति ने कई सारे थिएटर में भी कार्य किया है।

2003 से शुरू हुआ राजनीतिक कैरियर 

स्मृति ईरानी ने साल 2003 में अपनी राजनीतिक कैरियर की शुरुआत की। इसके लिए उन्होंने भो को चुना। स्मृति के दादा आरएसएस (RSS) के सदस्य थे। वहीं 2004 में स्मृति ईरानी को पार्टी द्वारा महाराष्ट्र युवा विंग के उपाध्यक्ष का पद सौंपा गया और यहां से शुरू हुआ स्मृति ईरानी का राजनीति करियर शुरू हो गया।  अपने इस सफर में स्मृति ईरानी ने पार्टी की तरफ से दी गई कई सारी अहम जिम्मेदारियां निभाई हैं। 

यहां से मिली पहचान 

उनकी पहचान तब और बढ़ गई जब उन्हें साल 2014 में देश में हुए लोकसभा के चुनाव के लिए बीजेपी ने कांग्रेस पार्टी के उस समय के उपाध्यक्ष राहुल गांधी के विरुद्ध खड़ा किया था।  चुनाव में स्मृति को राहुल गांधी से हार मिली थी। लेकिन बीजेपी को इस बार चुनाव में मिली जीत के बाद उन्हें केंद्रीय मंत्री बना दिया गया।  

डिग्री को लेकर हुआ था विवाद 

स्मृति को अक्सर उनके फैसलों और दिए गए बयानों के चलते कई बार विवादों का सामना करना पड़ा है। स्मृति ईरानी को सबसे ज्यादा जिस विवाद ने परेशान किया, वो उनकी डिग्री को लेकर था। दरअसल स्मृति ईरानी ने सन् 2004 के लोकसभा चुनावों के लिए भरे गए अपने हलफनामें में अपनी उच्च शिक्षा बी.ए बताई थी, जो कि उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से की थी। वहीं जब स्मृति द्वारा 2014 के लोकसभा में जो हलफनामा भरा गया था, उस हलफनामें में उन्होंने अपनी शैक्षिक योग्यता बी.कॉम भरी थी। दो नामांकन में बताई गई अलग-अलग शैक्षिक योग्यता के कारण उनको काफी विरोध झेलना पड़ा था। विवाद इतना बढ़ गया था कि मसला कोर्ट तक जा पहुंचा था।

पीएम मोदी पर किया था हमला 

साल 2004 में स्मृति ने नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा था, कि उन्हें गुजरात के मुख्यमंत्री का पद को छोड़ देना चाहिए। स्मृति ने गुजरात दंगों को लेकर कहा था कि नरेंद्र मोदी को इस्तीफे दे देना चाहिए। वहीं स्मृति के इस बयान से पार्टी काफी नाराज हुई थी और पार्टी ने स्मृति को अपना बयान वापस लेने को कहा था। जिसके बाद स्मृति ने पार्टी की कार्यवाही से बचने के लिए अपने इस बयान को वापस ले लिया था। फ़िलहाल अब उनका पार्टी में अलग पहचान है।