आज है आज़ादी का अमृत महोत्सव, 75वें स्वतंत्रता दिवस पर जानें देश का इतिहास और महत्व

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    नई दिल्ली: आज का दिन हम सब देश वासियों के लिए बेहद ख़ास है, इस दिन हमारे देश को आज़ादी मिली थी, इस आज़ादी को पाने के लिए देश के कई सारे लाल ने अपना लहू बहाया है। भारत इस साल आज यानी 15 अगस्त के दिन अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस (Independence day) मनाने जा रहा है। ये वो दिन है जब हमारे भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों, वीरों ने देश के लिए बलिदान दिया था।

    अंग्रेजों के दमन से देश को आजाद कराने के लिए उन्होंने अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया था। 15 अगस्त 1947 के दिन हमें ब्रिटिश शासन के 200 सालों के राज से आजादी मिली थी। ये दिन हमारे वीरों की गौरव गाथा और बलिदान का प्रतीक है। इस दिन आज़ादी मिलने की ख़ुशी तो होती ही है साथ ही देश के लिए जिन वीरों ने अपनी जान गंवाई है उनका स्मरण कर आंखें भी भर आती है। 

    ये आज़ादी देश को कई संघर्षों के बाद मिली है। देश के लिए असंख्य वीरों ने अपना सर्वस्व त्याग दिया था और आजाद भारत के सपने को साकार किया था। जिसमें महात्मा गांधी, भगत सिंह, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभभाई पटेल, डॉ.राजेंद्र प्रसाद, मौलाना अबुल कलाम आजाद, सुखदेव, गोपाल कृष्ण गोखले, लाला लाजपत राय, लोकमान्य बालगंगाधर तिलक, चंद्र शेखर आजाद, खुदीराम बोस आदि नेताओं का महत्वपूर्ण योगदान था। तो चलिए आज आज़ादी का अमृत महोत्सव यानी स्वतंत्रता दिवस पर जानते हैं इस दिन का इतिहास और महत्व। 

    आज़ादी का अमृत महोत्सव

    आपको बता दें कि इस साल देश में आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है क्योंकि इस साल भारत का 75वां स्वतंत्रता दिवस है। हर साल निभाएं गए परंपरा अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष पर लाल किले से आज यानी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राष्ट्र को संबोधित करेंगे। बता दें कि, ये 9 वीं बार होगा जब प्रधानमंत्री लाल किले से अपना भाषण देंगे। कोरोना का खतरा काम हुआ है तो ऐसे में इस साल देश में बड़े उत्साह के साथ यह दिन मनाया जाएगा। 

    स्वतंत्रता दिवस का इतिहास

    तो चलिए आज स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आइए जानते है इस दिन का इतिहास। जैसा की आप सब जानते है, 15 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि में भारत को अंग्रेजों से आजादी मिली थी। भारत को ब्रिटिश राज से आजादी लेने में 200 साल से अधिक का समय लग गया था। इसी दिन यानी 15 अगस्त 1947 को देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने पहली बार लाल किले पर तिरंगा फहराया था।  इसके बाद से स्वतंत्रता दिवस पर हर साल भारत के प्रधानमंत्री दिल्ली के लाल किले पर राष्ट्रीय तिरंगा झंडा फहराते हैं। ये दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ पूरे देश के स्कूलों में भी मनाया जाता है। इस खास अवसर पर देश में बड़ा उत्साह देखने को मिलता है।