Trouble in Telangana
तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी

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हैदराबाद: तेलंगाना में कांग्रेस ने बीआरएस को हराकर पहली बार राज्य में जीत हासिल की है। चुनाव का नतीजा आने के दो दिन बाद भी मुख्यमंत्री के नाम पर अभी स्थिती साफ नहीं हुई है। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के नाम पर आम सहमति और सभी विधायकों की राय जानने के लिए कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को पर्यवेक्षक बनाकर हैदराबाद भेजा है।

सीएम को लेकर नहीं बनी सहमति

तेलंगाना में मुख्यमंत्री को लेकर जिस नाम की सबसे ज्यादा चर्चा है वो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी हैं। मगर, अभी रेवंत को और इंतजार करना पड़ सकता है क्योंकि कांग्रेस के जीते हुए सभी 64 विधायकों के बीच सीएम को लेकर सहमति नहीं बन पाई है।

चुनाव नतीजा आने वाले दिन यानी की 3 दिसंबर को तेलंगाना में बहुमत का आंकड़ा पार करने के बाद रेवंत रेड्डी ने राजभवन पहुंचकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था। कांग्रेस पार्टी की तरफ से तेलंगाना में मुख्यमंत्री के साथ में एक डिप्टी सीएम और अन्य मंत्रियों के लिए शपथ लेने की बात की जा रही है।

वरिष्ठ नेताओं और सीएम के बीच मतभेद की चर्चा

मिडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने नाम पर सहमति को लेकर तेलंगाना कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बीच मतभेद उभरकर सामने आ गए हैं। रिपोर्ट्स में बताया गया है कि विधायकों की बैठक में वरिष्ठ नेता मल्लू भट्टी विक्रमार्क, उत्तम कुमार रेड्डी, श्रीधर बाबू और कोमाटिरेड्डी बंधुओं ने सीएम के रूप में रेवंत रेड्डी के नाम का विरोध किया है।

आखिरी मुहर कांग्रेस अध्यक्ष लगाएंगे

 मुख्यमंत्री के नाम पर अंतिम मुहर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर्यवेक्षकों की राय जानने के बाद ही करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष खरगे दिल्ली में पर्यवेक्षकों से चर्चा करने के बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा कर सकते हैं।