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    नई दिल्ली: नोएडा के सेक्टर 93ए में स्थित ट्विन टावर (Twin Tower) को दोपहर ढाई बजे जमींदोज कर दिया गया। इस गगनचुम्बी इमारत को महज़ चंद सेकंड में 3700 किलोग्राम बारूद की मदद से ध्वस्त कर दिया गया है। बिल्डिंग को ध्वस्त करने के लिए इमारतों में 9,640 छेद करके ये बारूद भरे गए थे। इस सुपरटेक ट्विन टावर्स को गिराने में लगभग 20 करोड़ रुपये का खर्च (Supertech Twin Towers Demolition Cost) किया गया है। टावर्स को गिराने का यह खर्च भी बिल्डर कंपनी सुपरटेक ही वहन करेगी। 

    एफपीसीई के अध्यक्ष अभय उपाध्याय ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘जब ये टावर गिरे तो मेरी पहली प्रतिक्रिया यह थी कि यह केवल इमारत का गिरना नहीं है बल्कि बिल्डरों और प्राधिकरणों के अहंकार और उनकी इस सोच का ढहना है कि वे जो चाहे कर सकते हैं।”  

    गौरतलब है कि, अवैध रूप से निर्मित इन ट्विन टावर को धराशायी करने के उच्चतम न्यायालय के आदेश के एक साल बाद यह कार्रवाई की गई है। ट्विन टावर भारत में अब तक ध्वस्त की गई सबसे ऊंची संरचना है। यह इमरता कुतुब मीनार से भी उंची थी।