UNESCO की बड़ी नसीहत! स्कूलों में बैन हो स्मार्टफोन, जानें क्या है वजह

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नई दिल्ली: वर्तमान में स्कुल की पढ़ाई में मोबाइल बहुत आवश्यक हो गए है। छात्र का पेपर हो या फिर असाइनमेंट सब कुछ टीचर्स मोबाइल पर भेज देते है। ऐसे में अब स्कूलों में स्मार्टफोन को लेकर यूनेस्को (UNESCO) ने एक रिपोर्ट जारी की है। जिस पर ध्यान देना बहुत आवश्यक है, आइए जानते है स्कूलों में स्मार्टफोन को लेकर यूनेस्को (UNESCO) ने क्या कहा है… 

स्कूलों में स्मार्टफोन को बैन! 

दरअसल यूनेस्को (UNESCO) ने वैश्विक स्तर पर सभी स्कूलों में स्मार्टफोन को बैन (Global Ban) करने की मांग की है। आपको बता दें कि इसको लेकर शिक्षा, विज्ञान और संस्कृति पर ध्यान केंद्रित करने वाली संयुक्त राष्ट्र संस्था यूनेस्को की एक रिपोर्ट भी जारी की है। इस बारे में यूनेस्को का कहना है कि स्कूलों को कई मुद्दों के समाधान के लिए स्मार्टफोन पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। आइए जानते है आखिर स्कूल में  स्मार्टफोन के उपयोग से बच्चे कैसे प्रभावित हो रहे है। 

सीखने की क्षमता प्रभावित… 

बता दें कि यूनेस्को की रिपोर्ट में इस बात पर ध्यान आकर्षित किया है कि मोबाइल फोन का ज्यादा उपयोग छात्रों की सीखने नहीं देगा, उन पर शिक्षा को लेकर कई मर्यादाएं आएगीऔर यह उनकी क्रिएटिविटी को भी एक हद तक मारने का काम करता है। इतना ही नहीं बल्कि यह शिक्षकों के साथ छात्रों के मानवीय संपर्क को भी कम कर देता है। बता दें कि रिपोर्ट में स्मार्टफोन को केवल एक टूल की तरह ही इस्तेमाल करने के महत्व पर जोर दिया गया है, लेकिन स्मार्टफोन का हो रहा अधिकतर उपयोग छात्रों के बौद्धिक विकास में बढ़ा ला सकते है। 

 

यूनेस्को की रिपोर्ट में कहा… 

अब आइए जानते है यूनेस्को की रिपोर्ट में क्या कहा गया है। दरअसल इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इस इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल एक टूल की तरह ही किया जाए। लेकिन इसके साथ ही यह भी कहा गया कि पारंपरिक शिक्षण विधियों को पीछे न किया जाए। हालांकि टेक्नोलॉजी के बारे में सभी को पता होना चाहिए। इसे एक बेहतर विकल्प के रूप में इस्तेमाल न करें, बल्कि टूल की तरह करें, पर पूरी तरह इस पर निर्भर न रहे। 

प्रत्यक्ष रूप से हो शिक्षा का आदान प्रदान 

आपको बता दें कि वर्तमान में जैसे-जैसे शिक्षा तेजी से ऑनलाइन हो रही है, रिपोर्ट में नीति निर्माताओं से आग्रह किया गया है कि वे आमने-सामने शिक्षण के महत्व को नजरअंदाज न करें। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रभावी शिक्षण के लिए छात्रों और शिक्षकों के बीच सामाजिक संपर्क जरूरी है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। 

बच्चों के बौद्धिक विकास में बाधा

इतना ही नहीं बल्कि रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि देशों को यह सुनिश्चित करना चाहिए शिक्षा में डिजिटल तकनीक फायदेमंद है और नुकसान से बचाती है, लेकिन इसमें भी छात्रों को अपनी प्राइवेसी के बारे में पता होना चाहिए। रिपोर्ट में यह भी माना गया है कि कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन एजुकेशन जरूरी था, लेकिन इसने समान शैक्षिक अवसरों की आवश्यकता पर बल देते हुए इंटरनेट पहुंच के बिना लाखों छात्रों के सामने आने वाली चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला गया है। ऐसे में अब यह समझना होगा कि स्मार्टफोन का अधिकतर उपयोग बच्चों के बौद्धिक विकास में बाधा बन सकते है।