इतिहास का अविस्मरणीय पन्ना ‘भारत छोड़ो आंदोलन’, महात्मा गांधी जी को किया था नजरबंद

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    नई दिल्ली: देश की आज़ादी में कई तरह की महत्वपूर्ण घटनाएं हुई है, जिन्हे हम आजीवन नहीं भूल सकते, उन्ही में से एक है ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ (Quit India Movement Day) जी हां यह इतिहास का एक ऐसा पन्ना है जो हम सभी भारतवासियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इस घटना की वजह से आज हम अपने देश में सुकून की सांस ले पा रहे है। आज 9 अगस्त यानी की आज इस आंदोलन को 79 वर्ष पूर्ण हो गए है। इस अवसर पर आपको आजादी से जुड़े इस महत्वपूर्ण ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की कुछ ऐसी घटनाओं के बारे में बताने जा रहे है, जिसके बारे में शायद आपको  पूरी तरह जानकारी न हों, तो आइए जानते है.. 

    ऐसे हुई थी ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ आंदोलन की शुरुवात

    दरअसल 8 अगस्त 1942 का वह दिन हम सबके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। जी हां यही वो दिन है जब हमने अंग्रेजो का विरोध करना शुरू किया था। यह दिन हमारे देश के आजादी के लिए बेहद महत्वपूर्ण था और हमेशा रहेगा। बता दें कि 8 अगस्त 1942 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ही ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की शुरुआत की गई थी। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य भारत मां को अंग्रेजों से आजाद करना था। यह आंदोलन देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा चलाया गया था। अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के मुंबई अधिवेशन में बापू ने इस आंदोलन शुरुआत की थी।  

    महात्मा गांधी जी को किया था नजरबंद

    आपको बता दें कि गांधी जी को अंग्रेजो ने अहमदनगर किले में नजरबंद कर रखा था। और जैसे ही इस आंदोलन की शुरुआत हुई वैसे ही 9 अगस्त 1942 को दिन निकलने के पहले ही कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सभी सदस्य गिरफ्तार हो चुके थे और कांग्रेस को गैरकानूनी घोषित कर दिया था। सरकार ने दिए गए आकड़ों के अनुसार इस आंदोलन में 940 लोग मारे गए थे और 1630 लोग घायल हो गए थे। जबकि 60229 लोगों ने गिरफ्तारी दी थी।