मुजफ्फरपुर. बिहार (Bihar) में हिजाब (Hijab) हो लेकर एक विवाद सामने आया है। मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) शहर की एक छात्रा ने रविवार को आरोप लगाया कि कॉलेज में परीक्षा के दौरान पुरुष शिक्षक ने उस पर आपत्तिजनक टिप्पणी की, क्योंकि उसने इम्तिहान के दौरान हिजाब हटाने से इनकार कर दिया था। छात्रा ने आरोप लगाया कि शिक्षक ने उसे राष्ट्र विरोधी कहा था और उसे पाकिस्तान जाने के लिए कहा।
यह घटना महंत दर्शन दास महिला कॉलेज (एमडीडीएम) में हुई जो शहर के मिठनपुरा इलाके में स्थित है, जहां इंटरमीडिएट के विद्यार्थी ‘जांच परीक्षा’ के लिए आए थे। जो विद्यार्थी इस में सफल होते हैं, वे ही अंतिम इम्तिहान में बैठने के योग्य होते हैं।
इस घटना के बाद कॉलेज छात्राओं ने विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों ने कहा, “हम कक्षा में थे और परीक्षा लिख रहे थे जब शिक्षक ने यह कहते हुए हिजाब उतारने को कहा कि हमने ब्लूटूथ डिवाइस पहना होगा। हिजाब नहीं उतारने पर शिक्षिका ने हमें जाने को कहा।”
Muzaffarpur, Bihar | We were in the classroom & were writing the exam when the teacher asked to take off the hijab saying that we might be wearing a bluetooth device. On not taking off hijab the teacher asked us to leave, say students pic.twitter.com/E6zFFeW7pC
— ANI (@ANI) October 16, 2022
कॉलेज की प्रधानाचार्य डॉ के. प्रिया ने छात्रा के आरोप को ख़ारिज करते हुए कहा, “छात्रा को हिजाब पहनने से नहीं रोका गया था। उसे केवल अपने कान दिखाने के लिए कहा गया था क्योंकि आशंका थी कि उनके पास ब्लूटूथ उपकरण हो सकता है।”
प्रधानाचार्य ने कहा, “हिजाब कोई मसला नहीं था। कई विद्यार्थी मोबाइल फोन लेकर आए थे, जो नियमों के खिलाफ था। यह लड़की उन विद्यार्थियों में थी, जिनसे परीक्षा हॉल के बाहर अपने मोबाइल रखकर आने को कहा गया था।”
डॉ. प्रिया ने कहा कि छात्रा से सिर्फ कान दिखाने के लिए कहा गया था, क्योंकि एक शिक्षक को सिर्फ इसकी जांच करनी थी कि क्या उनके पास ब्लूटूथ उपकरण है या नहीं। प्रधानाचार्य ने आरोप लगाया, “अगर लड़की को इससे कोई परेशानी थी तो वह परीक्षा नियंत्रक या मुझे सूचित कर सकती थी। लेकिन उसके इरादे कुछ और थे। उसने स्थानीय थाने और कुछ स्थानीय असामाजिक तत्वों को फोन कर दिया। ऐसा प्रतीत होता है कि उन्हें वह जानती थी। वे पहुंचे तो लड़की ने हंगामा किया।”
प्रधानाचार्य ने कहा, “छात्रा ने दावा किया कि शिक्षक ने उसे राष्ट्र विरोधी कहा था और उसे पाकिस्तान जाने के लिए कहा। मैं उस समय परीक्षा हॉल में नहीं थी, लेकिन परीक्षा देने आई अन्य लड़कियों ने कहा है कि यह झूठ है।”
She said that she won't write the exams but won't show her ears. Then she started raising this issue on the basis of religion: College Principal pic.twitter.com/8ftOcM6VAi
— ANI (@ANI) October 16, 2022
उन्होंने कहा, “हैरान करने वाली बात है कि 11वीं क्लास की एक लड़की इस तरह का बर्ताव करेगी। ऐसा लगता है कि किसी ने उन्हें धर्म और हिजाब के नाम पर गुमराह किया है। स्कूल परिसर में धर्म या जाति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं।” कॉलेज की प्रधानाचार्य ने यह भी दावा किया कि रिकॉर्ड से पता चलता है कि लड़की की उपस्थिति बहुत खराब रही है।
डॉ. प्रिया ने कहा, “शिक्षा विभाग ने निर्देश जारी किया है कि 75 प्रतिशत से कम उपस्थिति वाले किसी भी विद्यार्थी को अंतिम परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी।” उन्होंने दावा किया कि लड़की ने शायद इस वजह से यह आरोप लगाया है कि इससे कॉलेज प्रशासन को धमकाया जा सकता है और वह उनके मामले पर नरम रुख अख्तियार कर लेगा।
उल्लेखनीय है कि कर्नाटक में शिक्षण संस्थानों में हिजाब बड़ा मुद्दा है। मामला उच्चतम न्यायालय तक पहुंच गया है। (एजेंसी इनपुट के साथ)