Uttarkashi Tunnel Collapse
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उत्तराकाशी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी (Uttarkashi Tunnel Collapse) में निर्माणाधीन सिल्क्यारा सुरंग (Silkyara Tunnel) में बीते सात दिन से 41 मजदूर फंसे हैं। मजदूरों को निकालने के लिए जारी रेस्क्यू ऑपरेशन (Rescue operation) भी ठप पड़ गया है। बताया जा रहा है कि सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए अब एक अंतरराष्ट्रीय सुरंग विशेषज्ञ प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स (Arnold Dix) से संपर्क किया गया है। वे ऑनसाइट टीम की मदद के लिए भारत आ रहे हैं।

जानकारी  के अनुसार, 40 नहीं 41 मजदूरों की जान जोखिम में है। इस घटना को 7 दिन हो चुके हैं और अब तक सिर्फ 24 मीटर पाइप ही मलबे के भीतर जा पाई है। कल शाम 4:00 बजे से रेस्क्यू ऑपरेशन ठप पड़ा हुआ है। बताया यह भी जा रहा है कि ड्रिलिंग के दौरान होने वाले कंपन से रेस्क्यू टीम की ओर मलबा गिर रहा है। ड्रिलिंग में इस्तेमाल की जा रही मशीन में भी तकनीकी खराबी आ गई है।   ऐसे में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए विदेश दे सहायता मांगी जा रही है। 

ख़बरों की मानें तो, इस रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद के लिए एक अंतरराष्ट्रीय सुरंग विशेषज्ञ प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स से संपर्क किया गया है।  नई चैनल आजतक से बात करते हुए एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स ने फंसे हुए मजदूरों को बचाने की अपनी योजना पर चर्चा की।

इंटरनेशनल टनल एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स ने बातचीत में कहा, ‘मैं अब भारत जा रहा हूं और मेरा मिशन साफ है। सुरंग में फंसे 41 लोगों को सुरक्षित निकालना। मैंने अभी ऑनसाइट टीम से बात की है।’ उन्होंने कहा, ‘हम अभी इन लोगों के सुरक्षित बचाव के लिए अपने विकल्पों पर चर्चा कर रहे हैं।’ उन्होंने यह भी कहा, ‘यह सबसे कठिन क्षेत्रों में से एक है। हम हिमालय में हैं। हम उन 41 लोगों को घर लाने जा रहे हैं।’

इंटरनेशनल टनल एक्सपर्ट ने बताया कि पहाड़ की चोटी से सुरंग में 100 फीट तक की वर्टिकल ड्रिल की जाएगी। लेकिन इस क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए ऑपरेशन को पूरा करने में एक और सप्ताह लग सकता है। अर्नोल्ड डिक्स ने ये भी कहा कि मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए परंपरागत तरीके से हाथों से खोदकर बनाई जाने वाली सुरंगों का विकल्प भी अपनाया जा सकता है, जिसका उपयोग ज्यादातर पनबिजली परियोजनाओं और सुरंग बनाने में किया जाता है। 

उत्तराखंड पुलिस ने कहा कि सुरंग के अंदर फंसे सभी श्रमिक सुरक्षित हैं। उनको समय-समय पर खाना-पानी और ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है। साथ ही उनका मनोबल बनाए रखने के लिए परिजनों से उनकी लगातार बातचीत करवाई जा रही है। पुलिस हेल्प डेस्क से भी परिजनों से सम्पर्क साधकर पल-पल की अपडेट दी जी रही है।

अब तक केवल 24 मीटर मलबा ही हटा पाई टीम 

कुल 60 मीटर होनी है अमेरिकी ऑगर मशीन एक घंटे में 5 मीटर तक ड्रिलिंग कर पा रही है। हालांकि बीच-बीच में चट्टान आने से ड्रिलिंग में दिक्कतें भी आ रही हैं। मलबे में ड्रिल होने के बाद अंदर पाइप डालकर एलाइनमेंट फिट करने और वेल्डिंग करने में करीब डेढ़ से दो घंटे का समय लग रहा है। कुल 60 मीटर के करीब ड्रिलिंग होनी है।हालांकि अब तक रेस्क्यू टीम ध्वस्त सुरंग से केवल 24 मीटर मलबा ही हटा पाई है।