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नई दिल्ली: विश्व से इस समय कोरोना महामारी (Corona Pandemic) लगभग ख़त्म मानी जा रही है। वहीं एक बार फिर आम जनजीवन  वापस अपनी पटरी पर पर लौट रहा है। लेकिन इस बीच अब वैज्ञानिकों ने एक नई महामारी को लेकर एक चेतावनी जारी की है। दरअसल ब्रिटेन के कुछ काबिल वैज्ञानिकों ने कहा है कि अगले कुछ सालों में ऐसी महामारी आने की आशंका है जो स्पैनिश फ्लू की तरह ही भयंकर और खतरनाक साबित हो सकती है। 

मिली  जानकारी के अनुसार ये कोरोना वायरस से भी कई गुना घातक हो सकती है। वहीं इस नई और खतरनाक महामारी का नाम Diseases X रखा गया है। WHO ने भी इस महामारी को लेकर चेतावनी जारी की थी। उनके अनुसार अगर ये महामारी आती है तो कोरोना से कई गुना ज्यादा मौतों का कारण बनेगी।

समझें क्या है Disease X’?
इस बाबत WHO(विश्व स्वास्थ्य संगठन) के अनुसार, ‘Disease X’ बिना किसी ज्ञात उपचार के एक नया वायरस, एक जीवाणु या कवक हो सकता है।बीते नवंबर 2022 की WHO रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि ‘Disease X’ को एक अज्ञात रोगजनक को इंगित करने के लिए शामिल किया गया है जो कोरोना के बाद एक और गंभीर अंतरराष्ट्रीय महामारी का कारण बन सकता है।

क्या है ‘Disease X’ का इतिहास?
कहानी शुरू होती है कोरोना ब्लास्ट से पहले जब WHO ने साल 2018 में पहली बार एक अज्ञात बीमारी के रूप में ‘Disease X’ का उल्लेख किया, जिसमें महामारी की संभावना है। इस बाबत WHO के आधिकारिक वेबसाइट पर साफ़ लिखा है, “Disease X एक गंभीर अंतरराष्ट्रीय महामारी, एक रोगजनक का कारण हो सकती है, जिसका फिलहाल मानव रोग का कारण अज्ञात है। आर एंड डी ब्लूप्रिंट स्पष्ट रूप से प्रारंभिक क्रॉस-कटिंग आर एंड डी को तैयार करने का प्रयास कर रहा है, जो एक अज्ञात ‘Disease X’ के लिए भी प्रासंगिक है।”

हो सकती है 40-50 मिलियन लोगों की मौत, इबोला से भी भयंकर  
इस मुद्दे पर ब्रिटेन में कोरोना वैक्सीन टास्क फोर्स के हेड डेम केट ने कहा है कि, ‘Disease X’ आने वाले सालों में दस्तक दे सकती है। लेकिन ये महामारी भी कोरोना की तरह एक वायरस से बनेगी या उससे भी ज्यादा खतरनाक होगी। डेम के अनुसार ये वायरस किसी जानवर से फैल सकता है। इसके बाद इसका ट्रांसमिशन इंसानों में भी होगा और ये एक से दूसरे इंसान में तेजी से फैल सकती है। वहीं कमजोर इम्यूनिटी वालों के लिए यह घातक साबित हो सकती है। इससे 40 से 50 मिलियन लोगों की मौत होने की खतरनाक आशंका है। डेम केट का यह भी कहना है कि ‘Disease X’ इबोला से भी अधिक जानलेवा हो सकता है।

‘Disease X’ के कारण
तो आखिर कोरोना के बाद क्यों फ़ैल सकता है ‘Disease X’ इस प्रश्न पर  डॉ। डेम का साफ़ कहना है कि, विश्व में लगातार बढ़ता प्रदूषण, दुनियाभर में बढ़ती आबादी और जलवायु परिवर्तन के चलते नई महामारी के इस खतरे का दायरा बढ़ रहा है। अब अगर वक़्त रहते इन पर नियंत्रण नहीं किया गया तो जल्द ही दुनिया फिर एक नई बीमारी के प्रकोप को देख सकती है, या यूं कहें कि फिर हम बर्बादी के मुहाने पर खड़े हो सकते हैं। 

‘Disease X’ पर भारतीय एक्सपर्ट्स की राय
इस मामले पर नई दिल्ली स्थित पर राजीव गांधी हॉस्पिटल में कोविड नोडल अधिकारी रहे डॉ। अजित कुमार का कहना है कि, ‘Disease X’ पर चर्चा कई सालों से हो रही है। ऐसा पहली बार नहीं है जब किसी वैज्ञानिक ने इस महामारी को लेकर आगाह किया है। वहीं कोरोना महामारी के आने से पहले भी ‘Disease X’पर चर्चा हुई थी।

डॉ अजित कि मानें तो, कोरोना के बाद अब पुरी विश्व में फैले वायरस की ट्रेसिंग ज्यादा हो रही है। ऐसे में अब कभी भी किसी नई वायरस की पहचान हो रही है, लेकिन इसके मायने ये नहीं कि, कोई बहुत खतरनाक महामारी आ सकती है। कोविड के बाद कई टीकों पर काम किया जा रहा है। ये टीके अलग-अलग वायरस से लड़ सकते हैं। ऐसे में अब ये जरूरी नहीं है कि अगले कुछ सालों में ही कोई कोई नई महामारी आएगी। लेकिन फिर भी किसी भी नए वायरस के खतरे को देखते हुए अलर्ट रहने की जरूरत है। क्योंकि कोरोना के कहर ने यही सिखाया है कि, दुर्घटना से ‘सावधानी’ भली।