R Shanmukham Chetty
शणमुखम चेट्टी (डिजाइन फोटो)

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नई दिल्ली: 1 फरवरी 2024 को पेश होने वाला बजट (Budjet 2024) मोदी सरकार (PM Modi) के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट होने वाला है। इसी साल 2024 में आम चुनाव (Loksabha Election 2024) अब कुछ दिनों के बाद होने वाले है। इस बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) छठी बार बजट पेश करने वाली है। 

नए साल के आते ही देश भर में बिजनेस (Businessmen) से लेकर आम आदमी (Common Man) तक को बजट पेश होने का इंतजार रहता है, क्योंकि बजट में तत्कालीन वित्त मंत्री अपने हिसाब से देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए वित्तीय खर्च और कमाई का लेखा-जोखा पेश करते हैं। बजट का इतिहास बहुत पुराना है और देश की आजादी से पहले भी बजट पेश होते थे। लेकिन क्या आप जानते हैं की आजाद भारत में सबसे पहला बजट किसने और कब पेश किया था? 

आजाद भारत के पहले वित्त मंत्री

बजट से जुडी यह खास जानकारी आपको इतिहास में लेकर जाएगी जहां आजादी की जद्दोजहद के बाद देश में सबसे पहला बजट पेश हुआ था। इस बीच जिस मंत्री ने  ये भार संभाला था वो थे स्वतंत्र भारत के पहले वित्त मंत्री (First Finance Minister of Independent India) आर शणमुखम चेट्टी (R Shanmukham Chetty)। 

3 महीनों में पेश किया था बजट 

स्वतंत्रता हासिल करने के बाद पहला यूनियन बजट 26 नवंबर 1947 को प्रस्तुत किया गया था। ये देश को ब्रिटिश राज से आजादी मिलने के सिर्फ तीन महिने के अंदर संसद में प्रस्तुत कर दिया गया था। देश का पहला केंद्रीय बजट देश के पहले वित्त मंत्री आर शणमुखम चेट्टी ने पेश किया था। इस बजट को अगस्त 1947 से मार्च 1948 तक के समय के लिए लाया गया था यानी लगभग साढ़े सात महीनों के लिए ये बजट लाया गया था। 

R Shanmukham Chetty
शणमुखम चेट्टी (फाइल फोटो)

दरअसल, अंग्रेजी हुकूमत के दौरान बजट में टैक्स का कोई प्रावधान नहीं था, लेकिन आजादी के बाद बजट में टैक्स के प्रावधानों को जोड़ने के लिए 15 अगस्त, 1947 से 31 मार्च, 1948 तक कई सिफारिशें सामने आई थी। 

पहले बजट यहां हुआ था सबसे ज्यादा खर्च

पहले यूनियन बजट में 171.15 करोड़ रुपये का खर्च आया था और इस बजट में 197.29 करोड़ रुपये का खर्च दिखाया गया था। खास बात ये है कि उस समय का वित्तीय घाटा 26.24 करोड़ रुपये का रहा था। आजादी के बाद के पहले बजट में जाहिर तौर पर 92.74 करोड़ रुपये का खर्च रक्षा बजट पर किया गया। विशेषज्ञों के अनुसार उस समय देश को भारत-पाकिस्तान के विभाजन के दंश को झेलना था और इसके लिए रक्षा मद पर सबसे ज्यादा खर्च करना तर्कसंगत और जरूरी था। 

आजादी से पहले भारत का बजट

बता दें, हमारे देश में आजादी से पहले ब्रिटिश शासन काल से ही केंद्रीय बजट पेश किये जाते थे। भारत में पहली बार साल 1860 में अंग्रेजों के शासन में बजट पेश किया गया था। इसके बाद से बजट लाने की परम्परा में कई बदलाव हुए। भारत का पहला बजट 7 अप्रैल 1860 में ईस्ट इंडिया कंपनी के स्कॉटिश अर्थशास्त्री जेम्स विल्सन (James Wilson) ने पेश किया था। साम्राज्य वित्तीय संकट से जूझ रहा था इसलिए, भारतीय अर्थव्यवस्था को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने के लिए बजट पेश किया गया था।

James Wilson
जेम्स विल्सन (फाइल फोटो)