
नई दिल्ली: 27 साल से अटकी महिला आरक्षण बिल (Women’s Reservation Bil) दोनों सदनों यानी उच्च सदन और निम्न सदन से पास हो गया। विपक्षी पार्टी ने भी विधेयक पारित होने पर खुशी जताई है, लेकिन उनकी ओर से बिल को लेकर केंद्र से दो मांगे और हैं, जिसे सरकार ने अस्वीकार कर दिया है। इस पर कांग्रेस ने निराशा भी जताई।
#WATCH दिल्ली: राज्यसभा में पारित महिला आरक्षण विधेयक पर कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा, ”हमें खुशी है कि विधेयक पारित हो गया है लेकिन हमने 2 प्रमुख संशोधन रखे हैं, पहला ओबीसी आरक्षण को शामिल करना है, जिसे सरकार ने अस्वीकार कर दिया है और दूसरा तुरंत विधेयक को लागू करना है।… pic.twitter.com/kUZqLsIont
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 21, 2023
राज्यसभा में पारित महिला आरक्षण विधेयक पर कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल (MP KC Venugopal) ने कहा कि हमें खुशी है कि विधेयक पारित हो गया है लेकिन हमने 2 प्रमुख संशोधन रखे हैं, पहला ओबीसी आरक्षण को शामिल करना है, जिसे सरकार ने अस्वीकार कर दिया है और दूसरा तुरंत विधेयक को लागू करना है। हमारी मांग है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में ही इसे लागू किया जाए, जिसे भी सरकार ने अस्वीकार कर दिया। यह थोड़ा निराशाजनक है।
महिला आरक्षण पर भाजपा के OBC सांसदों, विधायकों, पदाधिकारियों व सदस्यों की चुप्पी की वजह वो ख़ुद हैं या फिर पार्टी का दबाव।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 20, 2023
OBC आरक्षण पर अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि महिला आरक्षण पर भाजपा के OBC सांसदों, विधायकों, पदाधिकारियों व सदस्यों की चुप्पी की वजह वो खुद हैं या फिर पार्टी का दबाव। उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण लैंगिक न्याय और सामाजिक न्याय का संतुलन होना चाहिए। इसमें पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक, आदिवासी (PDA) की महिलाओं का आरक्षण निश्चित प्रतिशत रूप में स्पष्ट होना चाहिए।