HIV AIDS
विश्व एड्स दिवस

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  • संक्रमित ने 72 घंटे में दवा शुरू की तो पूरे शरीर में संक्रमण से बच सकते हैं।

दिल्ली: ऐसे बहुत से प्रभावी उपचार हैं जो एचआईवी (HIV) पीड़ित अधिकांश लोगों को लंबा-स्वस्थ जीवन जीने में सक्षम बनाते हैं। यदि कोई वायरस के संपर्क में आ गया तो पोस्ट- एक्सपोज़र प्रोफिलैक्सिस (PEP) दवा संक्रमित होने से रोक सकती है। प्रभावी रोक के लिए पीईपी को वायरस के संपर्क में आने के 72 घंटों के भीतर शुरू किया जाना चाहिए। पीईपी में महीनेभर हर रोज एचआईवी उपचार लेना शामिल है। हालांकि इसके कुछ दुष्प्रभाव सामने आ सकते हैं।

यदि टेस्ट पॉजिटिव आए… 

यदि एचआईवी का पता चलता है तो उपचार शुरू करने से पहले एचआईवी संक्रमण की प्रगति की निगरानी के लिए नियमित ब्लड टेस्ट किया जाता है जो 2 तरह का होता है।

एचआईवी वायरल लोड टेस्ट

खून में एचआईवी वायरस की मात्रा की निगरानी करता है।

सीडी 4 लिम्फोसाइट सेल काउंट देखता है कि एचआईवी ने प्रतिरक्षा प्रणाली को कैसे प्रभावित किया।

एंटीरेट्रोवायरल दवाएं

एंटीरेट्रोवायरल दवा शरीर में वायरस की प्रतिकृति बनने से रोकती हैं। इससे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली खुद की मरम्मत कर आगे के नुकसान को रोकने लायक बन जाती है। एचआईवी में दवाओं का संयोजन इस्तेमाल में लाते हैं क्योंकि एचआईवी जल्द अनुकूल हो एक दवा के लिए प्रतिरोधी बन जाता है।

4,000  युवा महिलाएं और लड़कियां उप-सहारा अफ्रीका में सन 2022 में हर हफ्ते एचआईवी संक्रमित हुईं। 
5.5     मिलियन बच्चे एचआईवी पीड़ित मां होने के बावजूद इस बीमारी से मुक्त पैदा हुए। 
5.5  मिलियन लोग एचआईवी संक्रमण के साथ जी रहे हैं लेकिन इस सच्चाई से अनजान हैं। 
 21%        वैश्विक स्तर पर नए एचआईवी संक्रमणों में 15-24 आयु वर्ग के युवा जिम्मेदार। 
21%    मिलियन मौतें 1996 से 2022 के बीच एड्स से हुई है। 

 

एचआईवी-एड्स में अंतर

एचआईवी एक वायरस है जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर देता है। एड्स एक ऐसी स्थिति है जो एचआईवी संक्रमण के परिणामस्वरूप पनपती है। खासकर जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गंभीर रूप से कमजोर हो जाती है। 

टीकों पर काम जारी

एड्स का कोई इलाज मौजूद नहीं, लेकिन एंटीरेट्रोवायरल रेजिमेंट्स (एआरवी) का सख्ती से पालन बीमारी के विस्तार को नाटकीय ढंग से धीमा करता है।साथ ही माध्यमिक संक्रमण और जटिलताओं को भी रोकता है। लंबे समय से एचआईवी के प्रभावी टीकों का परीक्षण चल रहा है, लेकिन आज तक कोई सटीक टीका तैयार नहीं हो सका है। 

भारत में एचआईवी मामलों में जबरदस्त कमी

भारत में एचआईवी संक्रमण के मामलों में उल्लेखनीय कमी आई है। वर्ष 2000 में महामारी के चरम के बाद से राष्ट्रीय स्तर पर अनुमानित वयस्क एचआईवी प्रसार (15-49 वर्ष) में गिरावट आई है। साल 2000 में जहां अनुमानित प्रसार 0.55% था, वहीं 2010 में 0.32% और 2021 में 0.21% आ गया है। 

2030 तक खत्म हो सकता है एड्स

यूएनएड्स की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया 2030 तक एड्स को खत्म कर सकती है या कम से कम नए संक्रमणों में काफी कमी ला सकती है। 1995 में चरम के बाद नये संक्रमणों में 59% की कमी आई है। साथ ही दुनिया भर में एंटीरेट्रोवायरल उपचार लेने वाले लोगों की संख्या लगभग चार गुना गार गुना बढ़ी है। 2022 में अनुमानित 1.3 मिलियन नये एचआईवी संक्रमण दशकों में सबसे कम थे। हालांकि एड्स ने 2022 में हर मिनट एक जिंदगी ली है।