5 दिसबंर को फिर मनाया जाएगा ‘विश्व मृदा दिवस’, जानें आखिर क्यों मनाया जाता है ये दिन और क्या है इसका इतिहास

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    -सीमा कुमारी

    हर साल 5 दिसंबर को ‘विश्व मृदा दिवस’ (World Soil Day) मनाया जाता है। इसे मनाने का मकसद यही है कि आम लोग भी मिट्टी की महत्व के बारे में जानें और जागरूक हों और समझें कि, मिट्टी का हमारे जीवन में क्या महत्व है और इसका संरक्षण क्‍यों आवश्यक है।

    ‘विश्व मृदा दिवस’ जनसंख्या विस्तार की वजह से बढ़ रही समस्याओं को उजागर करता है। इस वजह से मिट्टी के कटाव को कम करना बहुत ही जरूरी है और इस दिशा में काम करना आवश्यक है, ताकि खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। मिट्टी का निर्माण विभिन्न अनुपातों में खनिज, कार्बनिक पदार्थ और वायु से होता है। 

    मिट्टी जीवन के लिए महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि इससे पौधे का विकास होता है। और, यह कई कीड़ों और जीवों के लिए रहने की जगह है। यह भोजन, कपड़े, आश्रय और चिकित्सा सहित चार आवश्यक ‘जीवित’ कारकों का स्रोत है। इसलिए, मिट्टी का संरक्षण आवश्यक है। इस वजह से मिट्टी के नुकसान के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस (World Soil Day) मनाया जाता है।

    ‘विश्व मृदा दिवस’ का इतिहास

    ‘अंतरराष्‍ट्रीय मृदा विज्ञान संघ’ ने 2002 में हर साल 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस मनाने की बात सिफारिश की थी। साथ ही खाद्य और कृषि संगठन (Food And Agriculture Organisation) ने भी विश्व मृदा दिवस की औपचारिक स्थापना को वैश्विक जागरुकता बढ़ाने वाले मंच के रूप में थाईलैंड के नेतृत्व में समर्थन दिया। एफएओ के सम्मेलन ने सर्वसम्मति से जून 2013 में विश्व मृदा दिवस का समर्थन किया और 68 वें संयुक्त राष्ट्र महासभा में इसको आधिकारिक रूप से मनाए जाने का अनुरोध किया।

    इसके बाद दिसंबर 2013 में 68 वें सत्र में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNO) ने 5 दिसंबर को ‘विश्व मृदा दिवस’ के रूप में मनाए जाने की घोषणा की। पहला ‘विश्व मृदा’ दिवस 5 दिसंबर, 2014 को मनाया गया था।

    इस बार की थीम

    इस बार की ‘विश्व मृदा दिवस-2021’ की थीम पर्यावरण प्रेमियों से संबंधित है। इस बार का अभियान मिट्टी को जीवित रखने और मिट्टी की जैव विविधता की रक्षा करने से संबंधित है। इसका मकसद है मृदा जागरूकता बढ़ाना और स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने के प्रयास करना। किसानों और आम लोगों को मिट्टी की सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए यह दिन विशेष तौर पर मनाया जाता है। ताकि, लोग इस मिट्टी के महत्‍व को समझें और इसके प्रति जागरूक हों।