गर्मी से मिलेगी राहत! देश के ‘इन’ हिस्सों में मानसून की वापसी,  बारिश की संभावना

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नई दिल्ली: पिछले कई दिनों से देश में भीषण गर्मी परेशान कर रही है। ऐसे में अब कई दिनों के बाद महाराष्ट्र समेत देशभर में बारिश का दौर फिर शुरू हो गया है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि इस साल देश में 1901 के बाद से अगस्त महीने में सबसे कम बारिश दर्ज की गई है, लेकिन अब एक बार फिर मौसम पूर्वानुमान ने दक्षिण पश्चिम मानसून के सक्रिय होने का संकेत दिया है। इसलिए अब देश के मध्य और दक्षिणी राज्यों में बारिश होने की संभावना है। वर्तमान में क्या है मौसम का हाल आइए मौसम विभाग की ओर से जानते है। 

आज कुछ हिस्सों में भारी

दरअसल मौसम विभाग ने सितंबर माह में सामान्य बारिश की संभावना जताई है। साथ ही आज 2 सितंबर (शनिवार) को भी देश के कुछ हिस्सों में भारी तो कुछ जगहों पर हल्की बारिश होगी। वहीं आपको बता दें कि केरल में हल्की बारिश की संभावना है। इस क्षेत्र में रात के समय गरज-चमक के साथ भारी बारिश होने की संभावना है। ऐसे में  अगर अब देश में बारिश होती है तो लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी। 

इन हिस्सों में होगी बारिश

साथ ही मौसम विभाग ने देश के विभिन्न हिस्सों में बारिश की भी संभावना जताई है. दक्षिणी कर्नाटक, रायलसीमा, तेलंगाना, दक्षिणी छत्तीसगढ़, दक्षिणी झारखंड में रात के दौरान गरज के साथ हल्की बारिश हो सकती है। इस क्षेत्र में आकाशीय बिजली गिरने की भी आशंका है। मौसम विभाग के मुताबिक, हालांकि सितंबर में भारी बारिश होगी, लेकिन जून से सितंबर के सीजन में औसत से कम बारिश होने की संभावना है। गौरतलब हो कि अगस्त में बारिश की कमी प्रशांत महासागर में अल नीनो तूफान के कारण थी। ऐसे में अब संभावना जताई जा रही है की इस महीने में बारिश होगी। 

इन राज्यों में भी बारिश की संभावना है

2 सितंबर (शनिवार) को ओडिशा, पूर्वी आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भी बारिश देखने को मिल रही है. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भारी बारिश और तूफान की संभावना है। बंगाल की खाड़ी से आने वाली हवाओं के कारण लखनऊ और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 5 और 6 सितंबर को बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने कहा कि अरब सागर और बंगाल की खाड़ी की समुद्री सतह के तापमान में अब सकारात्मक बदलाव दिखना शुरू हो गया है, जो अल नीनो तूफान के प्रभाव को उलट सकता है। पूर्व की ओर बढ़ते बादलों की आवाजाही उस क्षेत्र में फिर से मानसून के आगमन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।