सबसे शक्तिशाली इलेक्ट्रिक इंजन WAG-12 का परिचालन

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  • भुसावल मंडल को मंडल को बहुत बड़ी कामयाबी
  • मालगाड़ियों के परिचालन को उन्नत बनाने पर जोर

जलगांव. भारतीय रेलवे के इतिहास में 4 अगस्त स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा. भुसावल मंडल में सबसे शक्तिशाली इंजन WAG-12 (इंजन क्र. 60035) के परिचालन का आरंभ किया गया है. यह इंजन भारतीय रेल के मधेपुरा प्लांट में मेसर्स अलस्टॉम द्वारा निर्मित किया गया है .जिसका मुख्य उद्देश्य भारतीय रेल पर भारी मालगाड़ियों को अधिक गति के साथ चलाकर मालगाड़ियों के परिचालन को उन्नत बनाना है. इस इंजन का निरीक्षण  मंडल रेल प्रबंधक  विवेक कुमार गुप्ता के द्वारा किया गया है.

इस दौरान भुसावल यार्ड में आयोजित कार्यक्रम में वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर (टीआरओ)  पी. के. भंज, सहायक मंडल विद्युत इंजीनियर(टीआरओ)  सुदीप रावत और अन्य अधिकारी उपस्थित थे.

कोयला मालगाड़ी पर अब लगेगा एक इंजन

ज्ञात हो कि WAG-12 इंजनों का भारतीय रेलवे पर अभी हाल ही में संचालन आरंभ हुआ है. यह इंजन, रेलवे पर उपलब्ध अत्याधुनिक 3-फेज तकनीक पर आधारित है. यह इंजन भारतीय रेलवे पर उपलब्ध सभी प्रकार के इंजनों में अधिक शक्तिशाली इंजन है .जिसकी क्षमता 12000 हॉर्सपॉवर है. यह सामान्य रूप से उपलब्ध इंजन से लगभग दोगुना है.

वाइस रेकॉर्डिंग सिस्टम भी लगाया

इस इंजन के इस्तेमाल से भुसावल मंडल में चलने वाली मालगाडियों विशेषत: कोयले से भरी मालगाडि़यों की गति में विशेष सुधार आएगा.कोयले से भरी मालगाडि़यों को चलाने के लिए सामान्यत: 2 इंजनों की आवश्यकता होती है. जबकि यह इंजन अकेला ही ऐसी गाडि़यों को सुगमता से चलाने में समर्थ है. जहॉं इन इंजनों को ज्यादा शक्तिशाली बनाया गया है, वहीं इन इंजनों को चालक दल के लिए ज्यादा आरामदायक बनाने के लिए एयर कंडीशनिंग की व्यवस्था की गयी है. इसके साथ-साथ इंजन कैब में होनेवाले वार्तालाप की रिकॉडिंग के लिए वाइस रिकॉर्डिंग सिस्टम लगाया गया है.

बिजली खर्च में 15 प्रतिशत की बचत

3-फेज तकनीक पर आधारित होने के कारण इस इंजन की विशेषता है कि जहां यह इंजन गाड़ी चलाने के लिए बिजली खर्च करता है, वहीं पर चालक द्वारा गाड़ी को रोकने के लिए ब्रेक लगाने पर बिजली का उत्पादन करके वापस लाइन में सप्लाई किया जाता है.जिससे की खर्च होने वाली बिजली में लगभग 15% की बचत होती है.  IGBT आधारित 3 फेज तकनीक का प्रयोग करने के कारण इन इंजनों को कम रखरखाव की आवश्यकता है. इसके कारण फायदा यह है कि इस इंजन का ज्यादा से ज्यादा लाइन पर कार्य के लिए उपयोग किया जा सकता है.

लोकोपायलटों की होगी ट्रेनिंग

ऐसी अपेक्षा की जा रही है कि नए इंजनों के संचालन से भारतीय रेलवे में मालगाडि़यों के परिचालन में गुणात्मक सुधार आयेगा. भुसावल मंडल पर इस इंजन के विधिवत संचालन की पूर्व चालक दल को इस इंजन के परिचालन के लिए सक्षम बनाने के लिए अगले एक सप्ताह में लगभग 100 लोकोपायलटों को ट्रेनिंग देने की योजना बनाई गई है.