संजय घोडावत विश्वविद्यालय का कोविड इलाज केंद्र रहा शीर्षस्थान पर

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कोल्हापुर. आजकल हल्का बुखार और खाँसी होते ही कई लोग डर जाते हैं. स्वैब परीक्षण के बाद सकारात्मक रिपोर्ट के साथ डर के कारण पूरा घर हिल जाता है. तत्पश्चात इलाज के लिए लाखों रुपये का वित्तीय बोझ कई लोगों को ऋणग्रस्त बना रहा है, लेकिन इसके लिए एकमात्र सहारा और विकल्प है अतीग्रे (कोल्हापुर) में स्थित संजय घोडावत विश्वविद्यालय का नि:शुल्क सरकारी कोविड केंद्र. यहाँ अब तक हजारों मरीजों को पूरी तरह से स्वस्थ बनाया गया है. 

संजय घोडावत विश्वविद्यालय कोविड केंद्र के प्रमुख और जिला परिषद के सहायक स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. उत्तम मदने और उनके सभी सहयोगियों द्वारा किए गए उचित और सटिक परीक्षण तथा इलाज पद्धति अत्यंत मौलिक है.  यहाँ पर मरीजों को दी जानेवाली उच्च कोटी की स्वास्थ्य सेवा में एक अपनापन और सम्मान है.  इसी कारण लगभग सात हजार मरीजों को अब तक बचाया गया है. अतः कोरोना योद्धाओं की सूची में इस केंद्र में  कार्यरत सभी योद्धाओं का स्थान सर्वोपरि है.

तेरह हजार मरीजों की जाँच की गई 

137 दिनों से अविरत रूप से चल रहे संजय घोडावत विश्वविद्यालय कोविड केंद्र में लगभग तेरह हजार मरीजों की जाँच की गई है. इसमें कोरोना लक्षणों के साथ और बिना लक्षणों के मरीज भी शामिल हैं. आज तक यहाँ 6921 मरीजों का इलाज किया गया है और उनमें से 6720 मरीज पूरी तरह ठीक होकर  घर लौट चुके हैं. अन्य मरीजों का इलाज चल रहा है. इसका ध्यान रखते हुए जिला कलेक्टर दौलत देसाई और कई अन्य जनप्रतिनिधियों, पदाधिकारियों और अधिकारियों ने डॉ. उत्तम मदने की सराहना की है.

 सभी कर्मचारी सही मायने में कोरोना योद्धा 

संजय घोडावत विश्वविद्यालय में वीटीएम लेबलिंग, स्वैब संग्रह, पैकिंग, आरटीपीसीआर, आईसीएमआर, सॉफ्टवेयर ऑनलाइन प्रविष्टि, निरीक्षण, उपचार और सफाई तथा सफाई सेवाएँ यहां शुरू की गई हैं. इसमें डॉ. हर्षल शिखरे तथा अन्य डॉक्टर्स के साथ सागर पोवार, रूपल पंढरपट्टे, संभाजी टोपकर, खलील खतीब, नितिन चौगुले, मयूरी मोरे, क्रांति कांबले, मनीषा जाधव, अविनाश जाधव, संदीप कुंभार, मारुति लेंगरे, विशाल कांबले, सुलतान मोकाशी, अभिनंदन खोत समेत केंद्र में काम करने वाला नर्सिंग स्टाफ, सफाई कर्मचारी, कई जाने-माने और अज्ञात कर्मचारियों  की अमूल्य सेवाएँ  अविरत रूप से शुरु हैं. मरीज के भर्ती होने से लेकर उसके ठीक होकर घर वापसी तक हर एक को समझाने, मानसिक आधार देने तथा  समर्थन करने का बुनियादी काम यहाँ हर कोई कर रहा है. इसलिए इसमें कोई शक नहीं है कि संजय घोडावत विश्वविद्यालय कोविड उपचार केंद्र  के सभी कर्मचारी सही मायने में कोरोना योद्धा हैं.