Coal Miners Day 2024, Lifestyle
कोयला खनिक दिवस 2024 (Social Media)

कोयला खनिकों को समर्पित यह दिन 'कोयला खनिज दिवस' (Coal Miners Day 2024) हर साल आज यानि 4 मई को पूरे भारत में मनाया जाता है।

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सीमा कुमारी

नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: ‘कोयला खनिज दिवस’ (Coal Miners Day 2024) हर साल यानि 4 मई को पूरे भारत में मनाया जाता है। आपको जानकारी के लिए बता दें, कोयला एक ठोस कार्बनिक पदार्थ है जिसको ईंधन के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। ऊर्जा के प्रमुख स्रोत के रूप में कोयला अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। कुल प्रयुक्त ऊर्जा का 35% से 40% भाग कोयलें से प्राप्त होता हैं। हमारा देश अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए कोयले पर निर्भर है।

कोयला उत्खनन का काम है मुश्किल

कोयले का उत्खनन करना एक बेहद मुश्किल काम है। इसमें कड़ी मेहनत की जरूरत होती है। ऐसे में हर दिन हजारों मजदूरों की फौज अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण से जमीन के भीतर दबे इस खजाने को बाहर निकालती है। ऐसे में इन कोयला खनिकों के साथ एकजुटता दिखाने और इसके प्रति सम्मान जताने के लिए ‘कोयला खनिक दिवस’ मनाया जाता है।

जानिए दिवस से जुड़ी खास बातें

आज ‘कोयला खनिक दिवस’ (Coal Miners Day) के मौके पर आइए जानते हैं इस दिन का इतिहास और महत्व से जुड़ी खास बातों के बारे में-

1- प्राप्त जानकारी के अनुसार, कोयला एक प्राकृतिक संसाधन है, लेकिन इसे बनाना आसान नहीं बल्कि इसके लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। भारत में कोयला खनन की शुरुआत 1774 में हुई जब ईस्ट इंडिया कंपनी के जॉन समर और सुएटोनियस ग्रांट हीटली ने दामोदर नदी के पश्चिम किनारे के साथ रानीगंज कोल फील्ड में वाणिज्यिक की खोज की।

2-इसी दौरान देश में 1760 और 1840 के बीच औद्योगिक क्रांति भी चली थी। जिसमें कोयले का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर ईंधन और लोकोमोटिव इंजन और गर्मी इमारतों में किया गया। इसके बाद 1853 में रेलवे लोकोमोटिव की शुरुआत के बाद कोयले की मांग बढ़ती गई। लेकिन, ये समय इतना अच्छा भी नहीं रहा क्योंकि, इस दौरान कोयला खदानों में मजदूरों के शोषण और नरसंहार की भी कई घटनाएं सामने आई थीं।

3-बता दें कि भारत के पास कुल 319 अरब टन का कोयले का भंडार मौजूद है। इस तरह भारत दुनिया के उन शीर्ष पांच देशों में से एक है, जिनके पास इतनी भारी मात्रा में कोयले का भंडार मौजूद है। कोयला देश की कुल ऊर्जा जरूरतों का 50% से अधिक की पूर्ति करता है, यही कारण है कि कोयला हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। सरकार ने साल 2014-25 में 1.23 अरब टन कोयले का उत्पादन करने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को पूरा करने में कोयला खनिकों का महत्वपूर्ण योगदान होगा।

4-जानकारों का मानना है कि, भारत की इकोनामी (Indian Economy) में कोल इंडस्ट्री (coal industry) का बड़ा महत्व है। लेकिन, कई बार कोयला खनिकों के शोषण की ख़बरें भी सामने आती रहती हैं। कोयला खदानों में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम न होने से मजदूरों की मौत तक हो जाती है। कोयले की धूल से मजदूरों को गंभीर बीमारियां भी हो सकती है। महिला मजदूरों को पुरुषों की तुलना में कम वेतन दिया जाता है। ऐसे में इनके आत्मसम्मान को बनाए रखने और इन्हें शोषण से बचाने के लिए कोयला खनिक दिवस के दिन कई तरह के प्रयास किए जाते हैं। साथ ही लोगों में इन मजदूरों के हक़ के प्रति जागरूकता लाने के कदम भी उठाए जाते हैं।