Float Therepy, Mental Stress, Health
फ्लोट थेरेपी (Social Media)

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नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: मई महीने की गर्मी की शुरुआत हो गई है इस मौसम में तापमान (Summer Season) तेज हो जाता है जिसकी वजह से लोगों की सेहत पर इसका असर पड़ता है। गर्मी भले ही तेज हो जाती है लेकिन इसके साथ ही गर्मी में तनाव (Stress) बढ़ जाता है। अगर आप भी इस समस्या से दो चार हो जाते है तो इससे निजात पाने के लिए आपको हम एक ऐसी थेरेपी के बारे में बता रहे है जो तनाव को दूर कर आपको भरपूर नींद देती है। इस थेरेपी का नाम ‘फ्लोट थेरेपी’ (Float Therapy) है जिसे गर्मी में करना चाहिए।

जानिए फ्लोट थेरेपी के बारे में

इस फ्लोट थेरेपी की बात की जाए तो यह स्विमिंग पर बेस्ड होती है जिसमें एक व्यक्ति को फ्लोटिंग टैंक में पीठ के बल तैरना होता है। इसमें बिना तैरे ही फ्लोटिंग टैंक पर आराम की व्यवस्था में होना होता है और इस दौरान आधे से लेकर एक घंटे इसी तरह लेटे रहने की स्थिति थेरेपी कहलाती है। इस थेरेपी को करने से व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक थकान दूर होती है और पहले से बेहतर महसूस करता है। इससे आपको तनाव के अलावा और भी लाभ मिलते है जो आपको जानने चाहिए।

जानिए फ्लोट थेरेपी के फायदे

यहां पर फ्लोट थेरेपी के फायदे देखने के लिए मिलते है जो इस प्रकार है..

1- स्ट्रेस होता है दूर

इस थेरेपी का मुख्य लाभ तनाव को दूर करना है। गर्मी में अक्सर तापमान के बढ़ने से सिर दर्द और चिलचिलाहट सी होती है। इसके लिए अगर आप इस फ्लोट थेरेपी को लेते है तो ब्लड सर्कुलेशन होने लगता है और आपका दिमाग बेहतर ढंग से कार्य करने के लिए प्रेरित होता है।

2- आपको मिलती है बेहतर नींद

यहां पर आप इस थेरेपी को लेते है तो आपको तनाव से मुक्ति मिलने के बाद बेहतर नींद का प्रबंधन भी हो जाता है। इस थेरेपी को सोने से पहले करें तो आपको अच्छी नींद आती है और आपका दिमाग शांत होता है।

3- दिल के लिए अच्छी

इस थेरेपी को करने से मानसिक तनाव दूर होता है औऱ आपको बेहतर नींद मिलती है तो जाहिर सी बात है आपका दिल अच्छी तरह से कार्य करेगा। दिल की बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों को इस थेरेपी को लेना चाहिए।

‘फ्लोट थेरेपी’ के नुकसान

इस थेरेपी को करने से आपका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर बनता है लेकिन इसके नुकसान भी आपको परेशान कर सकता है। किसी परिस्थतियों में जैसे कि मिर्गी (Epilepsy) की समस्या से पीड़ित लोगों को पानी में देर तक रहने से दौरे आ सकते हैं। इसलिए ऐसे लोगों को डॉक्टर की सलाह पर ही यह थेरेपी लेनी चाहिए।