PREGNANT
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    -सीमा कुमारी

    साल 2022 का पहला सूर्यग्रहण 30 अप्रैल, शनिवार को लगेगा। इस दिन ‘शनिचरी अमावस्या’ भी है। वैज्ञानिक नजरिए से ये एक खगोलीय घटना मात्र है, लेकिन धार्मिक दृष्टि से ग्रहण की घटना को शुभ नहीं माना जाता है। ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, ग्रहण के दौरान सभी को कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। वरना आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं गर्भवती महिलाओं को इस दौरान कुछ खास ख्याल रखने की सलाह दी जाती है। ऐसे में आइए जानें शास्त्रों के अनुसार सूर्य ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को किन कार्यों से बचना चाहिए।

    ज्योतिष-शास्त्र के मुताबिक, सूर्यग्रहण के समय गर्भवती महिलाएं किसी नुकीली चीज का इस्तेमाल न करें। मान्यता है कि ऐसा करने से उनके शिशु के अंदर विकृति  आ सकती है। इस दौरान सिलाई-कढ़ाई जैसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए।

    शास्त्रों के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को सूर्य ग्रहण के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए। कहा जाता है कि ग्रहण के दुष्प्रभाव से भोजन दूषित हो जाता है, इसलिए पहले से रखे पके हुए भोजन पर तुलसी का पत्ता या गंगाजल डाल दें।

    कहा जाता है कि गर्भवती महिलाओं को सूर्य ग्रहण को भी नहीं देखना चाहिए। इससे उनकी और गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ने की आशंका रहती है।

    सूर्यग्रहण के कुप्रभाव से बचने के लिए गर्भवती महिला को तुलसी का पत्ता जीभ पर रखकर हनुमान जी की अराधना करनी चाहिए।

    सूर्यग्रहण की समाप्ति के बाद गर्भवती महिला को स्नान जरूर करना चाहिए, नहीं तो उसके शिशु को त्वचा संबंधी रोग लग सकते हैं।

    ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, सूर्यग्रहण का प्रभाव हर व्यक्ति पर पड़ता है। इसका प्रभाव अच्छा व बुरा दोनों तरह का हो सकता है। ग्रहण के दौरान सूर्य से निकलने वाले हानिकारक किरणें व्यक्ति के जीवन पर असर डालती हैं। इन किरणों का प्रभाव गर्भवती महिलाओं व बच्चों पर भी पड़ता है।