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    -सीमा कुमारी

    सर्दियों के मौसम में अक्सर देखा जाता है कि, कई लोग पानी पीने के बाद बार-बार अपनी सीट से उठकर टॉयलेट की तरफ दौड़ते हैं। ऑफिस, कॉलेज या अन्य स्थानों में ऐसे लोगों का कई बार मजाक भी उड़ाया भी जाता है। पर, क्या आप जानते हैं कि, यह क्यों होता है।

    अक्सर इस बात को सीरियस नहीं लेते। लेकिन बार बार पेशाब का लगना चिंता का विषय है। जिसके बारे में आपको किसी अच्छे डॉक्टर्स की परामर्श लेना चाहिए। क्योंकि, डॉक्टर्स भी इसके बारे में बताते हैं, कि सर्दियों में बार-बार पेशाब आना या ज्यादा पेशाब आना एक भयंकर समस्या का संकेत है। आइए जानें –

    डॉक्टर के मुताबिक, ‘डायरेसिस’ की वजह से बार-बार या ज्यादा यूरीनेशन (Urination) आपकी सेहत पर गलत असर डालता है। इसकी वजह से आप अंदर ही अंदर कितने बीमार पड़ रहे हैं। शायद आपको भी इसके बारे में पता नही होता है। डायरेसिस के दौरान इंसान के शरीर से न सिर्फ पानी बाहर आता है, बल्कि यह शरीर में मौजूद नैचुरल नमक और मिनिरल बैलेंस को भी कम करता है, जो कि बहुत ही हानिकारक है।

    यह बात शायद ही बहुत कम लोग जानते हैं कि, पेशाब के जरिए शरीर से सोडियम(Sodium) और पोटेशियम (Potassium) भी बाहर आता है। जिससे शरीर में इसकी मात्रा कम होने से आप हाइपोनाट्रेमिया (Hyponatremia)के शिकार भी हो सकते हैं।

    कैसे रखें अपना ख्याल?

    डॉक्टरों के मुताबिक ‘डायरेसिस’ की प्रोब्लेम्स तब ज्यादा बढ़ जाती है, जब शरीर का तापमान कम हो जाता है। इसलिए इस कंडीशन में इसे कंट्रोल करना बहुत जरूरी है।

    सर्दियों में ‘डायरेसिस’ से निजात पाने के लिए बॉडी को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी है। इसलिए ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं। बीच-बीच में पेय पदार्थों को सेवन करने से भी इसे कंट्रोल किया जा सकता है।

    रिसर्च के अनुसार, 30 साल की उम्र के बाद लोगों में यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। उम्र के इस पड़ाव के बाद तीन में से एक इंसान बीच रात में पेशाब करने उठता है। इतना ही नहीं, 65 साल की आयु के बाद तीन में हर दूसरे व्यक्ति को बीच रात में टॉयलेट जाने के लिए नींद तोड़नी पड़ती है।

    रात के बीच में पेशाब आने के इस रोग को डॉक्टर्स की भाषा में नोक्टुरिया कहा जाता है। ऐसा दो कारणों से होता है. सोने से पहले शरीर में पानी की मात्रा का ज्यादा होना. दूसरा, किसी इंसान को टाइप-2 डायबिटीज होना।