पारिजात फूल भगवान श्रीकृष्ण की पूजा के लिए चढ़ाए जाते है कहते है भगवान को यह प्रिय होते है। यहां पर पारिजात फूल केवल पूजा-पाठ नहीं सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है।
सीमा कुमारी
नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: धार्मिक दृष्टि से परिजात के पौधे का बड़ा महत्व है। इसके फूलों से गजब की खुशबू आती है। इसका इस्तेमाल भगवान की पूजा के लिए किया भी जाता है। ये दिन के बजाए रात में खिलता है और अपनी सुगंध फैलाता है। इसलिए इसे ‘रात की रानी’ या नाइट फ्लावरिंग जैस्मिन (Night-flowering Jasmine) भी कहा जाता है।
पारिजात को कहते है कल्पवृक्ष
धार्मिक मान्यता है कि, भगवान श्रीकृष्ण ने इस पौधे को स्वर्ग से धरती पर लाए थे। शास्त्रों में पारिजात को कल्पवृक्ष भी कहा गया है। एक अन्य मान्यता है कि पारिजात समुद्र मंथन से निकला है। माना जाता है कि जिस घर में हरसिंगार का पौधा लगा होता है उस घर में सदैव मां लक्ष्मी का वास होता है। वैज्ञानिक दृष्टि से हरसिंगार एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भी संपन्न होता है।
ऐसे में आइए जानें परिजात के पौधे से होने वाले लाभ-
1- एक्सपर्ट्स के अनुसार, मौजूदा दौर में अनहेल्दी डाइट, पॉल्यूशन और केमिकल बेस्ड हेयर प्रोडक्ट्स यूज करने के कारण ज्यादातर लोगों को बालों से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें कमजोर बाल, सफेद बाल और हेयर फॉल जैसी समस्याएं शामिल है। आप अगर पारिजात के पत्तों से बना काढ़ा पिएंगे तो बाल काले, घने और चमकदार बनेंगे।
2- यदि आप जोड़ों के दर्द से परेशान हैं तो हरसिंगार की छाल, फूल और पत्तियां को ले लें। इसकी मात्रा करीब 5 ग्राम होनी चाहिए। इसे 200 ग्राम पानी में उबाल दें। जब एक चौथाई पानी उबल कर खत्म हो जाए तो इसे छान लें और ठंडा कर पीएं। जोड़ों के दर्द से तत्काल राहत मिलेगी।
3- कुछ लोगों को अक्सर नकसीर बहती है, मतलब नाक से खून आने की परेशानी होती है, ऐसे लोग पारिजात का उपयोग कर सकते हैं। इस पौधे की जड़ को मुंह में रखकर चबाएं। इससे नाक, कान, कंठ आदि से निकलने वाला खून बंद हो जाता है।
4- एक्सपर्ट्स की मानें तो, जिन लोगों की शुगर कंट्रोल में नहीं रहता है, वे 10-30 मिली पारिजात के पत्ते का काढ़ा बना लें। इसका सेवन करें। इससे शुगर कंट्रोल में रहेगा।
5-खांसी के लिए आयुर्वेदिक दवा के रूप में आप पारिजात के पेड़ के पत्ते का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। 500 मिग्रा पारिजात की छाल का चूर्ण बनाएं। इसका सेवन करने से खांसी ठीक होती है।