नया खतरा आ गया ‘लासा बुखार’, जानें इसके लक्षण और इससे बचने के उपाय

    Loading

    नई दिल्ली: पिछले दो सालों से कोरोना महामारी के चलते कई नई-नई बीमारियों के बारे में पता चल रहा है। ऐसी कई नई बीमारियां सामने आ रही है जिससे बचने के लिए हमें कई तरह के सावधानी बरतनी होगी। बता दें कि हाल में एक बड़ी खबर सामने आयी है इसके चलते पता चला है कि  कोरोना के चलते एक नए फीवर के बारे में पता चला है। इसे ‘लासा बुखार’ कहते है, जिसके बढ़ने का खतरा बढ़ रहा है। बता दें कि ‘लासा बुखार’ नाइजेरिया में फैला हुआ है, जिससे यहां 40 लोगों की मौत हुई है और 200 से भी ज्यादा लोग संक्रमित पाए गए है। बड़े तेजी से लासा बुखार ने अपनी रफ्तार पकड़ ली है। 

    लासा बुखार अब ब्रिटेन में भी अपने पैर जमा रहा है , बता दें कि यहां 3 लोग संक्रमित पाए गए है और इसमें एक की मौत भी हो गई है। बता दें कि संक्रमित पाए गए ये तीनों व्यक्ति अफ्रीका से ब्रिटेन में लौटे थे। हालांकि अब तक भारत में इसका एक भी मरीज सामने नहीं आया है, फिर भी जो लोग ट्रैवल करके आ रहे है उन्हें खास तोर पर सावधानी बरतना बेहद जरुरी है ऐसे में आज हम आपको  लासा  बुखार से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दे रहे है। 

    आपको बता दें कि लासा बुखार एक गंभीर हेमोरेजिक बीमारी है, जो लासा वायरस से फैलता है, ये वायरस एरेनावाइरस परिवार का सदस्य है। हैरानी की बात यह है कि ज्यादातर मरीजों में लासा फीवर के लक्षण नजर नहीं आते हैं हालांकि ये एक गंभीर बीमारी है जिससे बचाव के उपाय और लक्षण आपको जान लेना चाह‍िए। 

    चूहों से होता है लासा वायरस 

    अब हम आपको बताते है आखिर ये लासा बुखार कैसे फैलता है। बता दें कि लासा वायरस चूहों से फैलता है। इतना ही नहीं बल्कि किसी तरल पदार्थ के संपर्क में आने से भी यह बीमारी हो सकती है। सावधानी के तौर पर हम आपको बता दें कि आपको चूहों के मल या मूत्र  या उनके दूषित खाने से आपको दूर रहना चाहिए, अन्यथा आप संक्रमित हो सकते है।  

    लासा फीवर एक से दूसरे व्यक्ति में कोविड की तरह नहीं फैलता पर संक्रमित व्यक्ति के तरल पदार्थ से संपर्क में आने से ये फैल सकता है(lassa fever transmission)। लासा फीवर की इंक्यूबेशन रेंज करीब 10 दिन होती है। अगर शुरुआत में ही आपको लक्षण नजर आ जाएं तो लासा बुखार का इलाज (lassa fever treatment) हो सकता है। बता दें कि फिलहाल इसका कोई टीका मौजूद नहीं है पर रिबाविरिन नाम की एंटीवायरल दवा दी जाती है जिससे वायरस का प्रकोप कम होता है। 

    लासा बुखार के लक्षण 

    1. ऐसे में आपको लो बीपी की शिकायत हो सकती है।
    2. इसमें योन‍ि या आंतों से खून आना।
    3. वैसे ही चेहरे पर सूजन नजर आ सकती है।
    4. लासा वायरस होने पर सुनने की क्षमता पर भी प्रभाव पड़ता है।
    5. लासा बुखार होने पर दिमाग में सूजन या मौत हो सकती है।
    6. लासा बुखार होने पर कंपकंपी, सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
    7. लासा फीवर होने पर खांसी, उल्टी, मांसपेशियों में दर्द हो सकता है।
    8. लासा फीवर होने पर गले में दर्द, मतली, उल्‍टी, दस्‍त हो सकते हैं।
    9. फेफड़ों में पानी भरना।
    10. लासा वायरस के लक्षण (lassa fever symptoms) बढ़ने पर मरीज कोमा में भी जा सकता है।  

    लासा बुखार के उपाय 

    1. आपको खाने को ढक कर रखना चाहिए, रसोई में पानी जमा न होने दें।
    2. खाना खाने से पहले हाथों को साबुन से अच्छी तरह से साफ जरूर करें।
    3. घर में चूहों का जमावड़ा न होने दें, इससे बीमारी फैलेंगी।
    4. चूहों के मल, मूत्र या दूषित भोजन के संपर्क में आने से बचें।
    5. लासा फीवर से बचाव के तरीके (lassa fever prevention) ढूंढ रहे हैं तो सबसे आसान तरीका है घर में साफ-सफाई रखें।
    6. अगर आप अस्पताल के कर्मचारी हैं तो आपको पर्सनल हाइजीन पर खास ध्यान देना है।
    7. खाने को पकाकर खाएं, कच्चा खाना, मीट, मछली खाने से बचें।