चांदी की पायल महिलाओं के लिए इसलिए है बड़ी फायदेमंद, नजरअंदाज बिल्कुल न करें

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    -सीमा कुमारी

    भारतीय संस्‍कृत‍ि में चांदी की पायल और बिछिया पहनने की खास परंपरा है। शादी के बाद पहने जाने वाले गहनों में पायल और बिछिया को विशेष महत्‍व दिया जाता है। क्योंकि, इन गहनों को सुहाग से जोडकर देखा जाता है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि, पायल ना केवल पैरों की खूबसूरती को बढाती है, बल्‍क‍ि इसका सेहत पर भी सकारात्‍मक असर भी पड़ता है। भारतीय ज्योतिषियों का मानना है कि, चांदी का संबंध चंद्रमा से है।

    ऐसा माना जाता है कि, भगवान शिव की आंखों से चांदी की उत्पत्ति हुई थी, जिसके कारण चांदी को सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। लेकिन मिश्र और मध्य पूर्वी देशों में इसे सेहत से जोड़कर भी देखा जाता है। ऐसे में आइए जानें चांदी की पायल पहनने से होने वाले फायदे के बारे में –

    एक्सपर्ट्स के मुताबिक, चांदी के पायल से पैरों में ब्लड सर्कुलेशन ठीक से होता है जिससे पैरों को सूजन की समस्या से निजात मिलता है। यह शरीर की लिम्फ ग्रंथियों को सक्रिय करने के साथ ही साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। चांदी एक बहुत गुणकारी धातु है। यह शरीर की ऊर्जा को कभी बर्बाद नहीं होने देती है।शरीर से निकलने वाली ऊर्जा को यह दोबारा से शरीर में ही वापस लौटा देती है।

    कहते हैं कि, चांदी शरीर को ठंडा रखती है। यही वजह है कि, पायल चांदी की ही पहनी जाती है। ताकि यह शरीर के तापमान को नियंत्रित रखे। पायल को लेकर आध्यात्मिक मान्यता यह है कि, यदि किसी महिला का स्वास्थ्य अत्यंत खराब रहता है, तो पायल पहनने से उसकी सेहत में सुधार आने लगता है। दरअसल ज्योतिषीय मत है कि, चांदी धारण करने से चंद्रमा को बल मिलता है जो स्वास्थ्य पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है।

    जानकारों का मानना है कि, स्त्री-रोग संबंधी समस्याओं को दूर करने में भी यह काफी लाभदायक है। इसे पहनने से बांझपन, हार्मोनल असंतुलन और प्रसूति संबंधी दिक्कतें भी दूर होती है। इतना ही नहीं, कमजोरी, पैरों में झनझनाहट को दूर करने में भी पायल का कोई विकल्प नहीं है।

    वास्‍तु-शास्‍त्र के अनुसार, पायल में लगे घुंघुरुओं की आवाज नकारात्मक शक्तियों से बचाती है। इसके अलावा, इससे दैवीय शक्तियां भी सक्रिय होती हैं। जो कि महिलाओं को बुरी नजरों से बचाती हैं। वैसे नजर दोष वाली बात से विज्ञान का कोई लेना देना नहीं है।