आज है ‘राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस’, देश के लिए यह दिन है बहुत खास, जानें कैसे हुई इसकी शुरुआत

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    नई दिल्ली: कई बीमारियों से बचने के लिए टीकाकरण एक रामबाण उपाय है, इससे कई तरह की बीमारियां होने से हम बच सकते है, इसलिए बेहतर और निरोगी स्वास्थ्य के लिए टीकाकरण बेहद महत्वपूर्ण कार्य है। हमारे देश सहित पूरी दुनिया में महामारी और कई प्रकार की घातक बीमारियों से लोगों को सुरक्षित करने के लिए टीकाकरण अभियान चलाया जाता है। दिनों दिन कई तरह की नई-नई बीमारियां सामने आ रही है, ऐसे में इससे निपटने के लिए टीकाकरण करना बहुत जरूरी है। 

    पोलियो, खसरा जैसी घातक बीमारियों से सुरक्षा के लिए समय समय पर टीकाकरण किया जाता रहा है। पिछले दो सैलून से पूरी दुनिया पर कोरोना का खतरा मंडरा रहा है, इसमें कई लोगों की जान गई है, लेकिन टीकाकरण ही एक मात्र ऐसा हथियार है जिससे हम कोरोना के खिलाफ जंग सफलता से लड़ पाए है। कोरोना वायरस से भी लोगों को बचाने के लिए दुनियाभर में टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। हमारे देश में  टीकाकरण के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 16 मार्च को राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस मनाया जाता है। आज हम आपको इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी आपको देने जा रहे है…. 

    राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस महत्व 

    हमारे देश से लेकर पूरी दुनिया में कोरोना जैसी वैश्विक महामारी ने टीकाकरण की महत्व को एक बार फिर समझाया है। असल में टीकाकरण को बीमारियों से सुरक्षा प्राप्त करने के लिए ढाल के रूप में समझा जा सकता है। टीकाकरण की ही देन है कि एक समय में लाखों लोगों की जान लेने वाली चेचक, खसरा, टिटनेस जैसी बीमारियों पर आज काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सकता है। कोरोना वायरस के मामले में देखें तो देश में अब इस समस्या से बचने के लिए भी काफी तेजी से टीकाकरण को लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। कोरोना के इस महामारी से कई लोगों को कोरोना टीके के जरिये बचाया गया है।

    ऐसे हुई टीकाकरण की शुरुआत

    आपको बता दें कि हमारे देश में हर साल 16 मार्च को राष्ट्रीय प्रतिरक्षा दिवस के रूप में भी जाना जाता है। दरअसल भारत में राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस की शुरुआत साल 1995 से हुई। इस साल 16 मार्च को पहली बार ओरल पोलियो वैक्सीन यानी कि मुंह के माध्यम से पोलियो वैक्सीन दी गई। यह वह दौर था जब देश में पोलियो के मामले तेजी से बढ़ रहे थे, जिस पर नियंत्रण पाने के लिए सरकार ने पोलियो टीकाकरण की शुरुआत की थी। 

    इस साल हुआ पोलियोमुक्त  भारत 

    इसके पहले देश में पोलियो से कई लोगों की शारीरिक समस्याएं हो गई थी, पोलियो टीकाकरण योजना के तहत 5 साल से कम आयु के बच्चों के पोलियो की खुराक देनी शुरू की गई। जमीनी स्तर पर इस अभियान पर तेजी से काम किया गया, जिसके परिणामस्वरूप साल 2014 में भारत ने पोलियो मुक्त देश के रूप में दुनिया के सामने एक मिसाल पेश की।  इस लिए हर साल टीकाकरण के महत्व के बारे में लोगों में जागरूकता लाने के लिए आज के दिन ‘राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस’ मनाया जाता है।  श में टीकाकरण की शुरुआत?