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नई दिल्ली : टीबी (TB) एक घातक संक्रामक बीमारी है। जिसका अगर समय पर उचित इलाज ना किया जाए तो ये काफी नुकसानदायक साबित हो सकती है। यह माइक्रोबैक्टीरिया, आमतौर पर माइकोबैक्टीरियम तपेदिक के विभिन्न प्रकारों की वजह से होती है। क्षय रोग आमतौर पर फेफड़ों पर हमला करता है, लेकिन यह शरीर के अन्य भागों को भी प्रभावित कर सकता हैं। 

विश्व टीबी दिवस

टीबी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए ‘विश्व टीबी या तपेदिक दिवस’ (World Tuberculosis Day 2023 ) हर साल 24 मार्च को मनाया जाता है। जिसका मुख्य उद्देश्य टीबी (Tuberculosis) को लेकर लोगों को जागरूक करने के साथ ही इसकी रोकथाम करना है। इतना ही नहीं बल्कि ‘विश्व टीबी दिवस’ के मौके पर लोगों को जागरूक करने के लिए कई तरह के अभियान चलाने के साथ ही कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। 

वर्ल्ड टीबी डे का इतिहास

बता दें कि साल 1882 में आज ही के दिन यानी 24 मार्च को जर्मन फिजिशियन और माइक्रोबायोलॉजिस्ट रॉबर्ट कॉच ने टीबी के बैक्टीरियम यानी जीवाणु माइकोबैक्टीरियम ट्युबरक्लोसिस की खोज की थी। जो आगे के समय टीबी से छुटकारा पाने और इलाज में काफी मददगार साबित हुई। 

क्या है इस साल की थीम? 

विश्व टीबी दिवस 2023 की थीम “यस! वी कैन एंड टीबी!” है। जिसका मतलब है   “हां! हम टीबी को खत्म कर सकते हैं।” है। बता दें कि इस थीम का चुनाव इसलिए किया गया है ताकि तपेदिक यानि टीबी की बीमारी को जल्द ही दुनिया से खत्म किया जा सके।