International Labor Day 2024, Lifestyle
अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस 2024 (Social Media)

दुनिया भर के मजदूरों और श्रमिकों को सम्मान देने के मकसद से हर साल 1 मई को 'अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस' (International Labour Day) मनाया जाता है।

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सीमा कुमारी

नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क:
दुनिया भर के मजदूरों और श्रमिकों को सम्मान देने के मकसद से हर साल 1 मई को ‘अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस’ (International Labour Day) मनाया जाता है, जिसे ‘अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस’ (International Workers Day), लेबर डे या मई दिवस (May Day) के तौर पर भी जाना जाता है।

आवाज उठाने के मकसद से मनाया दिन

आपको बता दें, मजदूरों और श्रमिकों के सम्मान के साथ ही उनके अधिकारों के लिए आवाज उठाने के मकसद से इस दिन को सेलिब्रेट किया जाता है, ताकि समाज में उनकी स्थिति मजबूत हो सके। दरअसल, मजदूर किसी भी देश के विकास में अहम भूमिका निभाते हैं, क्योंकि हर कार्य क्षेत्र में मजदूरों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। लेकिन, क्या आपको पता है कि मजदूरों के लिए खास एक दिन कब और कैसे समर्पित किया गया। पहली बार मजदूर दिवस मनाने की जरूरत क्यों पड़ी। ऐसे में आज ‘अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस’ के अवसर पर आइए जानें कब हुई मजदूर दिवस मनाने की शुरुआत, इसका इतिहास और महत्व-

पहली बार कब मनाया गया मजदूर दिवस

1- प्राप्त जानकारी के अनुसार, ‘अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस’ हर साल 1 मई को मनाया जाता है। पहली बार मजदूर दिवस 1889 में मनाने का फैसला लिया गया। इस दिन को मनाने की रूपरेखा अमेरिका के शिकागो शहर से बनने लगी थी, जब मजदूर एक होकर सड़क पर उतर आए थे।

2- 1886 से पहले अमेरिका में आंदोलन की शुरुआत हुई थी। इस आंदोलन में अमेरिका के मजदूर सड़कों पर आ गए। अपने हक के लिए मजदूर हड़ताल पर बैठ गए। इस आंदोलन का कारण मजदूरों की कार्य अवधि थी। उस दौरान मजदूर एक दिन में 15-15 घंटे काम करते थे। आंदोलन के दौरान मजदूरों पर पुलिस ने गोली चला दी। इस दौरान कई मजदूरों की जान चली गई। सैकड़ों श्रमिक घायल हो गए।

3- इस घटना के तीन साल बाद 1889 में अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन की बैठक हुई। इस बैठक में तय किया गया कि हर मजदूर से प्रतिदिन 8 घंटे ही काम लिया जाएगा। वहीं, सम्मेलन के बाद 1 मई को मजदूर दिवस मनाने का फैसला लिया गया। इस दिन हर साल मजदूरों को छुट्टी देने का भी फैसला लिया गया। बाद में अमेरिका के मजदूरों की तरह अन्य कई देशों में भी 8 घंटे काम करने के नियम को लागू कर दिया गया।

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लेबर डे (Social Media)

भारत में ‘लेबर डे’ की शुरुआत कब हुई

1- अमेरिका में भले ही 1 मई 1889 को मजदूर दिवस मनाने का प्रस्ताव आ गया हो, लेकिन भारत में ये आया करीब 34 साल बाद। वहीं भारत में मजदूर दिवस मनाने की शुरुआत 1 मई 1923 को चेन्नई से हुई। लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान की अध्यक्षता में ये फैसला किया गया। इस बैठक को कई सारे संगंठन और सोशल पार्टी का समर्थन मिला। जो मजदूरों पर हो रहे अत्याचारों और शोषण के खिलाफ आवाज उठा रहे।

2- जानकारों का मानना है कि, श्रम दिवस या मजदूर दिवस 80 से अधिक देशों में मनाया जाता है। विश्व में 80 से अधिक देशों (भारत सहित) में मजदूर दिवस पर छुट्टी रहती है।

3- अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस के बावजूद इसकी उत्पत्ति शिकागो में हेमार्केट मामले की स्मृति में हुई, कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका में श्रम दिवस सितंबर में पहले सोमवार को मनाया जाता है न कि 1 मई को।
4- महाराष्ट्र दिवस और गुजरात दिवस भी 1 मई को मनाया जाता है।
5- भारत में पहला मई दिवस 1923 में द लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान द्वारा चेन्नई (तब मद्रास) में मनाया गया था।