नई दिल्ली: क्रिसमस को लेकर पूरी दुनिया में तैयारियां जोरों शोरों से शुरू हो चुकी है। यह एक ऐसा फेस्टिवल है जिसका इंतजार साल भर किया जाता है। क्रिसमस सेलिब्रेशन की ढेर सारी तैयारियां की जाती हैं और लोग बेहद उत्साही होते है और आपस में खुशियां बांटते हैं। सांता क्लॉज के बिना क्रिसमस का हम जिक्र भी नहीं कर सकते। खासतौर पर बच्चों में सांता क्लॉज को लेकर खासा क्रेज देखने को मिलता है। लेकिन क्या आपने कभी सांता क्लॉज के के बारे में जानने का प्रयास किया है? क्या आपके मन में कभी यह सवाल आया कि क्या वास्तव में सांता क्लॉज रहते है? तो आइए आज हम आपके इन सभी सवालों का जवाब देते है।
सांता क्लॉज के बारे में रोचक जानकारी
यह बहुत आम सवाल है जो सबके मन में आता है कि क्या वास्तव में सांता क्लॉज आते है। यूएसटूडे के मुताबिक, सांता क्लॉज की उत्पत्ति लगभग 280 A.D. में हुई थी। यह वो साल है जब जाने माने संत सेंट निकोलस का जन्म हुआ था। आपको बता दें कि उन्हें “बच्चों और नाविकों के रक्षक” के रूप में जाना जाता है। जानकारी के मुताबिक सेंट निकोलस यूरोप और खासतौर से हॉलैंड में काफी लोकप्रिय थे।
‘सिन्टर क्लास’
उनका डच उपनाम ‘सिन्टर क्लास’ था। सांता क्लॉज अपने रेनडियर से बने स्लेज पर बैठकर अच्छे बच्चों को खिलौने देने के लिए जाने जाते हैं। सैंटा क्लॉज़ का ये वर्तमान चित्रण साल 1804 में सबसे पहले सामने आया था जब न्यूयॉर्क हिस्टोरिकल सोसाइटी के सदस्य जॉन पिंटार्ड ने एक वार्षिक बैठक में सेंट निकोलस के वुडकट को लोगों में वितरित किया था। आज हम सांता क्लॉज के इसी चित्रण को याद रखे हुए हैं और क्रिसमस को एन्जॉय करते हैं, और यह त्यौहार बड़े उत्साह के साथ मनाते है।
सांता क्लॉज का स्लेज है बेहद खास
आपको बता दें कि सांता क्लॉज के स्लेज में लाल नाक वाले रेनडियर हैं जो स्लेज का आकाश में उड़ाते हुए हर जगह जा सकते है। इस स्लेज को खींचने का काम डैशर, डांसर, प्रांसर, विक्सेन, कॉमेट, क्यूपिड, डोनर, ब्लिटज़ेन नामक प्रसिद्ध रेनडियर करते हैं। ये रेनडियर अपने नेवीगेशन के लिए काफी फेमस हैं और वे ही सांता क्लॉज को क्रिसमस के दिन उन बच्चों तक पहुंचाने का काम करते हैं जो अच्छे हैं और दयालु हैं।
जानें 25 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है क्रिसमस
जैसा कि हम सब जानते है हर साल की तरह इस साल भी क्रिसमस का जश्न 25 दिसम्बर को मनाया जाएगा। जबकि क्रिसमस ईव पार्टीज़ 24 दिसंबर को सेलिब्रेट की जाएगी। जानकारी के लिए आपको बता दें कि ईसा मसीह का सटीक जन्मदिन कहीं भी स्पष्ट नहीं बताया गया है। बताया जाता है कि पोप जूलियस वन ने 25 दिसंबर को क्रिसमस के पर्व को आधिकारिक तिथि के रूप में चुना। तब से ही इस दिन क्रिसमस का जश्न ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाया जाने लगा। इसलिए हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस मनाया जाता है।