Baisakhi Amavasya 2024 Date
बैसाखी अमावस्या 2024 (डिजाइन फोटो)

वैशाख अमावस्या का दिन पितरों की पूजा करने के लिए शुभ माना जाता है। इस बार वैशाख माह की अमावस्या (Baishakh Amavasya 2024) 8 मई को है। मान्यता है कि इस दिन पितरों का तर्पण करने से उनको बैकुंठ धाम में जगह प्राप्त होती है।

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सीमा कुमारी

नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: 24 अप्रैल 2024 दिन बुधवार से वैशाख महीने की शुरुआत हो चुकी है। वहीं, इस महीने की अमावस्या बहुत ही खास होती है, क्योंकि, यह पावन तिथि जगत के पालनहार भगवान विष्णु और पितरों को समर्पित है। इस बार वैशाख माह की अमावस्या 8 मई बुधवार को है।

इस दिन जप-तप और दान करने का विधान है। वैशाख अमावस्या का दिन पितरों की पूजा करने के लिए शुभ माना जाता है। इस बार वैशाख माह की अमावस्या (Baishakh Amavasya 2024) 8 मई को है। मान्यता है कि इस दिन पितरों का तर्पण करने से उनको बैकुंठ धाम में जगह प्राप्त होती है। आइए जानें, वैशाख अमावस्या का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।

शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, वैशाख के माह कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की शुरुआत 7 मई को सुबह 11 बजकर 40 मिनट से होगी और इसका समापन 8 मई को सुबह 8 बजकर 51 मिनट पर होगा। ऐसे में वैशाख अमावस्या 8 मई को मनाई जा रही है।

ऐसे करें पितरों का तर्पण

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, वैशाख अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में गंगा में स्नान करना शुभ माना जाता है और कहते हैं कि इस दिन गंगा में स्नान करने से व्यक्ति को कई तपस्याओं का फल मिलता है। साथ ही पापों से भी मुक्ति मिलती है। इस दिन पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए विधि-विधान से उनका श्राद्ध कर्म करना चाहिए।

वैशाख अमावस्या के दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए पीपल के पेड़ में जल अर्पित करना चाहिए। कहते हैं कि पीपल के पेड़ में देवताओं के साथ ही पितरों का भी वास होता है और अमावस्या के दिन उसमें जल अर्पित करने से वह प्रसन्न होते हैं। इसके अलावा, इस दिन किसी मंदिर में पीपल का पेड़ लगाना भी फलदायी माना गया है। यदि आप पितरों को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो वैशाख अमावस्या के दिन काले तिल, सफेद फूल और कुशा से उनका तर्पण करना चाहिए। इससे पितृ दोष दूर होते हैं और सफलता के मार्ग खुलते हैं।