करवाचौथ पर करें इस मंत्र का जाप, पूरी होगी मनोकामना

Loading

सुहागिन महिलाओं का प्रमुख त्यौहार करवाचौथ इस साल 4 नवंबर को मनाया जाएगा। इस व्रत का महत्व बेहद खास होता है। इस पर्व का इंतज़ार सुहागिन महिलाएं पूरे साल भर करती हैं। यह व्रत पति की लंबी आयु के लिए रखा जाता है। इस पर्व के दौरान खुशहाल दामपत्य जीवन की भी कामना की जाती है। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे एक विशेष मंत्र के बारे में, जो काफी फलदायी साबित हो सकते हैं। इस मंत्र का जाप आप रात को चंद्रमा की पूजा के दौरान करें। तो आइए जानते हैं उस मंत्र के बारे में…   

विशेष मंत्र-

करवाचौथ की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ की जाती है। ऐसे में रात के समय चंद्रमा को जल अर्पण करने के दौरान आपको इस मंत्र का जाप करना चाहिए-

“सौम्यरूप महाभाग मंत्रराज द्विजोत्तम, मम पूर्वकृतं पापं औषधीश क्षमस्व मे”

अर्थात- मन को शीतलता पहुंचाने वाले, सौम्य स्वभाव वाले ब्राह्मणों में श्रेष्ठ, सभी मंत्रों एवं औषधियों के स्वामी चंद्रमा मेरे द्वारा पूर्व के जन्मों में किए गए पापों को क्षमा करें। मेरे परिवार में सुख शांति का वास हो। 

द्रौपदी ने रखा था व्रत-

मान्यता के अनुसार भगवान श्री कृष्ण के सुझाव से द्रौपदी ने यह व्रत रखा था। जिसके बाद पांड़वों को कुरुक्षेत्र के युद्ध में जीत हासिल हुई थी। वहीं रामचरितमानस के लंका काण्ड में भी इस व्रत का ज़िक्र है कि जो पति-पत्नी किसी भी कारणवश एक दूसरे से बिछड़ जाते हैं, वह महिलाएं चंद्रदेव की पूजा कर यह कामना करती हैं कि ऐसी स्थिति कभी न आए जहां उन्हें अपने पति से बिछड़ना पड़े।