‘रामनवमी’ की पूजा में ये काम बिल्कुल न करें, पूजा सफल बनाने और सद्फल के लिए ऐसा करें

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सीमा कुमारी- 

आज 30 मार्च, गुरुवार के दिन ‘रामनवमी’ (Ram Navami) का पावन पर्व देश भर में मनाया जा रहा है। यह पर्व हिंदू धर्म के लिए बड़ा शुभ माना जाता है। क्योंकि, रामनवमी के दिन ही भगवान श्री राम ने अयोध्या में राजा दशरथ के घर पर जन्म लिया था।

यही कारण है कि रामनवमी पर्व पर व्रत और पूजा करने का बहुत ज्यादा पुण्य फल बताया गया है। मान्यता है कि इस दिन जो भी हिन्दू श्रद्धालु विधि-विधान से भगवान राम की पूजा, जप और व्रत करता है, उसे जीवन से जुड़े सभी सुख प्राप्त होते हैं। आइए जानें रामनवमी का पूरा पुण्य फल पाने के लिए व्रत एवं पूजा करते समय क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए।

पूजा में क्या करें

धर्म गुरु के अनुसार भगवान राम का व्रत रखने वाले व्यक्ति को प्रात:काल सूर्योदय से पहले उठना चाहिए और स्नान-ध्यान के बाद सूर्य देवता को तांबे के लोटे से अर्घ्य देना चाहिए।

मान्यता के अनुसार, भगवान राम की पूजा बगैर तुलसी दल के अधूरी मानी जाती है।  ऐसे में रामनवमी की पूजा करते समय भगवान राम को भोग के साथ तुलसी दल अवश्य चढ़ाएं।

सनातन परंपरा में भगवान राम के गुणों का गुणगान करने वाली श्रीरामचरितमानस की चौपाइयों को चमत्कारी मंत्र के समान माना गया है। ऐसे में साधक को रामनवमी के दिन अपनी कामना के अनुसार चौपाई का जाप करना चाहिए।

हिंदू मान्यता के अनुसार, भगवान राम नाम का मंत्र सभी मनोकामनाओं को पूरा करने वाला माना गया है ऐसे में साधक को पूजा-पाठ के बाद खाली समय में मर्यादा पुरुषोत्तम राम के नाम का मन में उच्चारण करना चाहिए।

पूजा में क्या न करें

  • धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान राम की पूजा करते समय बासी या फिर मुरझाए फूल या प्रसाद को नहीं चढ़ाना चाहिए।
  • इसी प्रकार यदि पूजा करते समय यदि दीया बुझ जाए तो उसे दोबारा से न जलाकर नया दीया लाना चाहिए।  
  • इस दिन भूलकर भी किसी के साथ झगड़ा नहीं करना चाहिए और न ही किसी का अपमान करना चाहिए।
  • शास्त्रों के अनुसार, इस दिन तामसिक चीजों यानि प्याज, लहसुन, मांस-मदिरा आदि का भूलकर भी सेवन नहीं करना चाहिए।