Kartik Purnima
Kartik Purnima

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सीमा कुमारी

नवभारत डिजिटल टीम: सनातन धर्म में जितना महत्व कार्तिक महीने का है, उससे कई ज्यादा अधिक महत्व कार्तिक में पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि का होता है। यह दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी जी की कृपा पाने के लिए सबसे श्रेष्ठ होता है।

इस बार ‘कार्तिक पूर्णिमा’ (Kartik Purnima 2023) 27 नवंबर, सोमवार को है। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान-दान करने से पूरे माह की पूजा-पाठ करने के समान फल मिलता है। सिख धर्म के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा को गुरु नानक जयंती के रूप में भी मनाया जाता है।

शास्त्रों के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन कुछ विशेष कार्य करने से मां लक्ष्मी अति प्रसन्न होती हैं और जातक के जीवन में धन-धान्य की कभी कमी नहीं होती। मान्यता है कि यदि इस कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो घर में धन-धान्य बना रहता है और जीवन में कभी भी आर्थिक नुकसान नहीं झेलना पड़ता। आइए जानें कार्तिक पूर्णिमा पर किए जाने वाले विशेष उपाय के बारे में।

ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा-यमुना में कुशा स्नान करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। हाथ में कुशा लेकर पवित्र नदी में स्नान कर दान अवश्य करें। मान्यता है कि ऐसा करने से रोगों से मुक्ति मिलती है।

कार्तिक पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी अपने भक्तों के घर आती हैं। ऐसे में उनके स्वागत के लिए मुख्य द्वार पर हल्दी से बने स्वस्तिक चिन्ह का निर्माण करें। इसके साथ आम के पत्तों से बना तोरण भी घर के मुख्य द्वार पर लगाएं। ऐसा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और व्यक्ति को धन व ऐश्वर्य का आशीर्वाद प्रदान करती हैं।

कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान शिव का पूजन भी किया जाता है। इस दिन को त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहते हैं। इस दिन शिवलिंग पर दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल का पंचामृत चढ़ाने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं।  

कार्तिक पूर्णिमा के दिन विशेष रूप से तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाएं और पौधे के जड़ की मिट्टी से तिलक धारण करें। ऐसा करने से सभी कार्य सफल होते हैं और भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।