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    -सीमा कुमारी

    आस्था का महापर्व ‘छठ’ शुरू हो चुका है। इसमें सूर्य देव की पूजा कर उन्हें अर्घ्य दिया जाते हैं।  मान्यता है कि, यदि पूरे विधि-विधान और नियमों के साथ छठ माता और सूर्य देव की पूजा की  जाए तो व्यक्ति के जीवन में खुशहाली बनी रहती है।

    इस बार छठ पूजा 30 और 31 अक्टूबर 2022 को मनाई जा रही है। ज्योतिषियों के अनुसार, जो भक्त छठ के दिन शाम और सुबह के समय सूर्य देव को अर्घ्य देता है, उसकी पूजा छठ माता प्रसन्न होकर स्वीकार करती हैं और मनवांछित फल प्रदान करती हैं। आइए जानें, सूर्य देव को अर्घ्य देने की सही विधि-

    ऐसा माना जाता है कि, सूर्य को अर्घ्य देने से भगवान सूर्य जीवन की कई समस्याओं से राहत देते हैं और साथ ही रोगों से भी मुक्ति मिलती है। आपको बता दें कि मान्यताओं के अनुसार छठ का पावन पर्व जीवनदायी सूर्य देव को आभार प्रकट करने का महापर्व होता है।

    छठ पूजा के दिन सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए सर्वोत्तम पात्र तांबे का कलश माना गया है।   तांबे के कलश से अर्घ्य देने से भक्तों की सभी मनोकामना पूरी होती है।

    इसके अलावा लोग फलों से भी सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं। मान्यताओं के अनुसार कई वेदों में भी अनेक स्थानों पर सूर्य देव की ऋचाएं प्राप्त हैं और उन वेदों में भी सूर्य की स्तुति और उनके मंत्र आदि का वर्णन भी मिलता है।

    इन मंत्रों का करें उच्चारण

    छठ महापर्व पर सूर्य देव की पूजा के साथ सूर्य के इन विशेष मंत्रों का जाप करने से आपके समृद्धि के मार्ग खुलेंगे ।

     ऊँ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते।

     अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।।

     ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ आदित्याय नम:, ऊँ नमो भास्कराय नम:। अर्घ्य समर्पयामि।।