Kartik Purnima 2023
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सीमा कुमारी

नवभारत डिजिटल टीम: जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित कार्तिक माह सनातन धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस साल 29 अक्टूबर से कार्तिक माह की शुरुआत हो चुकी है। इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima 2023) 27 नवंबर सोमवार के दिन मनाई जाएगी। कार्तिक माह भगवान विष्णु जी का प्रिय माह भी माना गया है। ज्योतिष- शास्त्र के अनुसार, पूर्णिमा तिथि भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित मानी गई है। साथ ही इस तिथि पर पवित्र नदी में स्नान करने और दान आदि करने का विशेष महत्व है। यह सभी कर्म बहुत-ही पुण्य फलदायी माना गया है। ऐसा करने से व्यक्ति के सारे पाप कट जाते हैं। ऐसे में आइए जानें कार्तिक पूर्णिमा की तिथि और शुभ मुहूर्त।

शुभ मुहूर्त

कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि का प्रारम्भ 26 नवम्बर को दोपहर 3 बजकर 53 मिनट पर हो रहा है। साथ ही इसका समापन 27 नवम्बर दोपहर 2 बजकर 45 मिनट पर होगा। ऐसे में कार्तिक माह की पूर्णिमा 27 नवम्बर को मनाई जाएगी।

पूजा विधि

  • मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में नदी में स्नान कर व्रत रखना चाहिए।
  • इस दिन विधि विधान से भगवान विष्णु और तुलसी जी की पूजा करनी चाहिए।
  • इसके साथ ही उगते सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए। कार्तिक पूर्णिमा के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन भूलकर भी लहसुन, प्याज, मांस-मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • इस दिन घर से किसी गरीब, जरूरतमंद, को खाली हाथ न लौटाएं।
  • इसके अलावा,इस दिन बड़े-बुजुर्गों का अपमान भी न करें।

महत्व

कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान और दान का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस समय भगवान विष्णु मत्स्य के रूप में जल में निवास करते हैं और पवित्र नदी गंगा में स्नान करने वालों के सभी पापों का नाश कर देते है। हिंदू धर्म में माना गया है कि पूर्णिमा तिथि पर भगवान सत्यनारायण जी की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है।  

यह भी माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का संहार किया था। ऐसे में यदि आप कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी जैसे गंगा आदि में स्नान करते हैं तो इससे आपके जन्म-जन्म के पाप कट जाते हैं। साथ ही इस तिथि पर जरूरतमंदों को दान देने का भी विशेष महत्व है।