नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: जैसा कि, हम जानते है होली का त्योहार (Holi 2024) इस साल 25 मार्च को मनाया जाने वाला है इस दिन को लेकर किसी में एक अलग ही उत्साह होता है इस दिन अपनों को रंग-बिरंगे रंगों से होली खेली जाती है वहीं पर भांग (Cannabis ) वाली ठंडाई मिल जाए तो त्योहार का रंग अलग ही बन जाता है। लेकिन क्या आपने सोचा है होली के मौके पर भांग क्यों पी जाती है और इसके पीछे क्या कोई वजह है…
भांग का सेवन है संस्कृति का हिस्सा
होली पर पी जाने वाली भांग का सेवन भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से किया जा रहा है। यहां पर होली के दिन ड्रायफ्रूट्स के साथ भांग को पीसकर दूध की ठंडाई बनाई जाती है जिसे हर कोई पीना पसंद करता है वहीं पर उतनी ही लोकप्रिय भी होती है। ठंडाई में भांग का मजा मिल जाए तो हर कोई त्योहार के रंग में डूब ही जाता है लेकिन इसका ज्यादा सेवन आपकी सेहत बिगाड़ भी सकता है।
जानिए क्या है भांग पीने की पंरपरा
यहां पर पौराणिक कथाओं में भांग पीने का एक अलग ही महत्व है इसमें कहा जाता है कि, समुद्र मंथन के दौरान जो विष निकला था उसे भगवान शिव ने पीने के बाद गले के नीचे नहीं उतरने दिया था। ये विष बहुत ही गर्म था, जिसके कारण शिवजी को गर्मी लगने लगी, जहां पर वे कैलाश पर्वत जा पहुंचें। कंठ में जमे विष की गर्मी को कम करने के लिए भगवान शिव ने भांग का सेवन कर लिया। इस दौरान भांग की ठंडी तासीर से शिव बाबा को आराम मिला और स्वाद भी पसंद आया। जिसके बाद से भगवान शिव की पूजा के दौरान भांग का इस्तेमाल भी किया जाता है़, भांग के बिना शिव की पूजा अधूरी मानी जाती है।
दोस्ती के प्रतीक के तौर पर करते हैं सेवन
भांग को लेकर एक धार्मिक मान्यता भी प्रचलन में है होली के दिन भांग का महत्व पौराणिक है जहां पर इस दिन भगवान शिव और विष्णु की दोस्ती के प्रतीक के तौर पर भांग का सेवन करते हैं. दरअसल ऐसा माना जाता है कि भक्त प्रहलाद को मारने की कोशिश करने वाले हिरण्यकश्यप का संहार करने के लिए भगवान विष्णु ने नरसिंह का रूप लिया जाता है, लेकिन हिरण्यकश्यप का संहार करने के बाद वे क्रोधित थे. उन्हें शांत करने के लिए भगवान शिव ने शरभ अवतार लिया था। इस वजह से होली के दिन भांग का सेवन किया जाता है।