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नवभारत डिजिटल टीम: सनातन धर्म में ‘माघ महीने’ (Magh Month) का विशेष महत्व है। साल 2024 में माघ महीने का आरंभ आज से यानी 21 जनवरी से शुरू हो रहा है, जो कि 19 फरवरी तक चलेगा। ज्योतिषियों के अनुसार, माघ के महीने को स्नान-दान और तप के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण महीना माना गया है। माघ महीने में सूर्य देव, मां गंगा और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। मान्यता है कि, इस महीने में पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य मिलता है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान विष्णु और सूर्य देव की पूजा करने से व्यक्ति को सारे पापों से मुक्ति मिलती है और मृत्यु के बाद मोक्ष मिलता है।

कई प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों पर माघ मेले का आयोजन भी किया जाता है, जहां दूर-दूर से श्रद्धालु पवित्र नदियों में डूबकी लगाने आते हैं। हर साल उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में पूरे एक महीने तक मेला लगता है। यहां संगम के किनारे रेत पर तंबू बनाकर भक्तगण कल्पवास करते हैं। माघ में कल्पवास का भी खास महत्व है। तो आइए जान लें। पवित्र महीना माघ कब से शुरू हो रहा है।

तिथि

 पुराणों के अनुसार माघ का महीना पहले ‘माघ’ का महीना कहलाता था, जो बाद में ‘माघ’ हो गया। इस बार माघ का महीना 21 जनवरी से 19 फरवरी तक रहेगा। इस माह में सूर्य देव और भगवान विष्णु नारायण की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है और सभी पापों से मुक्ति मिलती है। माघ में गंगा स्नान का विशेष महत्व है। अगर ऐसा करना संभव नहीं है तो घर पर ही नहाने वाले पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान कर लें। इस उपाय को करने से भी गंगा स्नान जितना फल मिल सकता है।

क्या करें

  • माघ के महीने में आप शनि दोषों से मुक्ति के लिए काले तिल का दान करें।
  • राहु दोष से मुक्ति के लिए गर्म कपड़े या कंबल का दान करें।
  • माघ मास में व्यक्ति को ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करना चाहिए।
  • इस माह में आलस्य करना, अधिक देर तक सोना और स्नान न करने से सेहत से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
  • माघ मास के सभी दिनों में आप तुलसी की पूजा करें और गीता का पाठ करें। आपको ईश्वर की कृपा प्राप्त होगी।
  • माघ माह में गंगा स्नान करने से पाप मिट जाते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है।
  • कल्पवास की शुरुआत मां तुलसी और भगवान शालिग्राम के पूजन से होता है।

माघ के महीने में क्या न करें

  • शास्त्रों में माघ के महीने में कुछ ऐसे कार्य होते हैं जिसे भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
  • माघ मास में मूली का सेवन नहीं करना चाहिए।
  •  माघ मास में तामसिक भोजन और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा, माह में असत्य और किसी का अपमान भी नहीं करना चाहिए।

सीमा कुमारी