सीमा कुमारी
नवभारत डिजिटल टीम: हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को ‘मासिक दुर्गाष्टमी’ (Masik Durga Ashtami 2023) का पावन पर्व मनाया जाता है। इस बार कार्तिक महीने में दुर्गाष्टमी 20 नवंबर, सोमवार को है। ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, इस दिन आदिशक्ति मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही, उनके निमित्त व्रत रखा जाता है।
धार्मिक मत है कि मां दुर्गा की पूजा करने से जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख, संकट, रोग और भय दूर हो जाते हैं। साथ ही, जीवन में सुखों का आगमन होता है। अतः साधक श्रद्धा भाव से दुर्गाष्टमी तिथि पर मां दुर्गा की पूजा करते हैं। इस व्रत के पुण्य प्रताप से सुख और सौभाग्य में निरंतर वृद्धि होती रहती है। आइए जानें मासिक दुर्गाष्टमी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि-
शुभ मुहूर्त
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 20 नवंबर को प्रातः काल 5 बजकर 21 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 21 सितंबर को देर रात 3 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। अतः 20 नवंबर को मासिक दुर्गाष्टमी मनाई जाएगी।
पूजा विधि
मासिक दुर्गाष्टमी के दिन सुबह उठकर स्नान आदि करके साफ कपड़े धारण कर लें।
इसके बाद पूजा घर को गंगाजल छिड़क उसकी शुद्धि कर लें।
उसके बाद एक चौकी में लाल रंग का साफ कपड़ा बिछाकर मां दुर्गा की प्रतिमा या फोटो स्थापित करें।
अब देवी मां को जल अर्पित करें। इसके बाद मां दुर्गा को लाल चुनरी और सोलह श्रृंगार चढ़ाएं फिर लाल रंग का पुष्प,पुष्पमाला और अक्षत अर्पित करने के बाद मां दुर्गा को सिंदूर से टीका लगा दें।
मां दुर्गा को एक पान के पत्ते में लौंग, सुपारी, इलायची, बताशा रख कर चढ़ा दें।
भोग के रूप में कोई मिठाई चढ़ाएं और फिर जल अर्पित करें।
इसके बाद घी का दीपक और अगरबत्ती जलाकर मां दुर्गा चालीसा का पाठ करके विधि-विधान के साथ मां की आरती करें, अंत में आपके द्वारा की गई गलतियों के लिए क्षमा मांग लें।
मासिक दुर्गाष्टमी का मंत्र
सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सवार्थ साधिके।
शरण्येत्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते॥
या देवी सर्वभूतेषु मां दुर्गा-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥