Masik Shivratri 2024, Lord Shiva
मासिक शिवरात्रि 2024(फाइल फोटो)

देवों के देव महादेव को समर्पित 'मासिक शिवरात्रि'(Masik Shivratri) का व्रत सनातन धर्म में बड़ा महत्व रखता है। ऐसा कहा जाता है कि, इस दिन का उपवास रखने से भगवान शंकर खुश होते हैं।

Loading

सीमा कुमारी

नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क:
जैसा कि, 6 मई, 2024 सोमवार को वैशाख महीने की ‘मासिक शिवरात्रि’ (Masik Shivratri 2024) का व्रत रखा जाएगा। देवों के देव महादेव को समर्पित ‘मासिक शिवरात्रि'(Masik Shivratri) का व्रत सनातन धर्म में बड़ा महत्व रखता है। ऐसा कहा जाता है कि, इस दिन का उपवास रखने से भगवान शंकर खुश होते हैं। साथ ही अपने भक्तों की सभी इच्छा पूरी करते हैं। अगर आप भी भोलेनाथ की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको इस व्रत को जरूर रखना चाहिए, तो ऐसे में आइए जान लीजिए वैशाख महीने की मासिक शिवरात्रि व्रत का तिथि,पूजा विधि और महिमा-

तिथि

वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत सोमवार 6 मई, 2024, दोपहर 2 बजकर 40 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन मंगलवार 7 मई 2024, सुबह 11 बजकर 40 मिनट पर होगा। ऐसे में इस बार सोमवार, 6 मई 2024 को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा, जिसका इंतजार शिव भक्तों को बेसब्री से है।

ऐसे करें वैशाख माह मासिक शिवरात्रि पूजा विधि

मासिक शिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत होने के बाद शिव मंदिर में जाकर पूजा करें।

शिवलिंग पर दूध और गंगाजल से अभिषेक करें। शिवलिंग पर बेलपत्र, शहद और फूल भी अर्पित करें।

गाय के घी का दीपक जलाएं और शिव जी को चावल की खीर का भोग लगाएं।

शिव जी की विधि-विधान से पूजा करें साथ ही ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें। मासिक शिवरात्रि पर रुद्राभिषेक करते हुए ‘महामृत्युंजय मंत्र’ का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से सभी रोग दोष से मुक्ति मिलती है।

‘मासिक शिवरात्रि’- भद्रा और पंचक समय

वैशाख मासिक शिवरात्रि के दिन भद्रा और पंचक भी है। उस दिन भद्रा दोपहर में 2 बजकर 40 मिनट से लगेगी और देर रात 1 बजकर 9 मिनट तक रहेगी। वहीं पंचक सुबह में 5 बजकर 36 मिनट से लगेगा और शाम 5 बजकर 43 मिनट तक रहेगा। भद्रा के समय में शुभ कार्यों की मनाही है।

‘मासिक शिवरात्रि’ का महत्व

मासिक शिवरात्रि के दिन व्रत रखने और शिव पूजा करने से भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त होता है। शिव कृपा से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं, रोग से मुक्ति मिलती है। मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। सुखी दांपत्य जीवन का आशीष मिलता है।