सीमा कुमारी
नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: सनातन धर्म में विनायक चतुर्थी का बड़ा महत्व है। इस साल 2024 वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 11 मई को है। शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस विशेष दिन पर साधक भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करते हैं और जीवन में सुख-शांति के लिए व्रत रखते हैं।
पूजा के दौरान गणपति बप्पा को विशेष चीजों का भोग लगाना चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से साधक को सभी कार्यों में सफलता हासिल होती है। यदि, आप भगवान गणेश जी की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश जी को भोग जरूर लगाएं। इससे साधक के जीवन की सभी समस्याएं दूर होंगी और घर में सुख-शांति का वास होगा। आइए जानें मई महीने का पहला विनायक चतुर्थी का डेट और शुभ मुहूर्त और इसकी महिमा –
डेट और शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 11 मई को सुबह 2 बजकर 50 मिनट से शुरू होगी और इसके अगले दिन 12 मई को सुबह 2 बजकर 3 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में विनायक चतुर्थी का पर्व 11 मई को मनाया जाएगा।
विनायक चतुर्थी का पर्व बुद्धि, ज्ञान और समृद्धि के देवता भगवान गणेश जी को समर्पित है। इस दिन सुबह स्नान करने के बाद प्रभु की पूजा करें और उन्हें प्रिय चीजों का भोग लगाएं। अगर आप गणपति बप्पा का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, तो उन्हें मोदक का भोग अवश्य लगाएं। क्योंकि प्रभु को मोदक अधिक प्रिय है।
इसके अलावा भोग में मोतीचूर के लड्डू, खीर, फल और मिठाई भी शामिल कर सकते हैं।
भोग लगाते समय इस मंत्र का करें जाप
त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।
इस मंत्र के द्वारा हम भगवान को भोग लगाते समय यह प्रार्थना करते हैं कि वह हमारा भोग स्वीकार करें और हम पर अपनी कृपा दृष्टि बनाएं रखें।