इस दिन इस मुहूर्त में है 'अक्षय तृतीया', जानिए इस दिन क्या खरीदना है शुभ

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    -सिमा कुमारी

    सनातन हिंदू धर्म में ‘अक्षय तृतीया’ को बहुत ही शुभ एवं पुण्यदायी माना जाता है। क्योंकि, इस दिन से सभी मांगलिक और शुभ कार्य शुरु हो जाते हैं। इस साल यह पावन तिथि 3 मई  मंगलवार को है। ‘अक्षय तृतीया’ को ‘आखा तीज’ के नाम से भी जाना जाता है।

    पंचांग के अनुसार, हर वर्ष वैशाख के महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को ‘अक्षय तृतीया’ मनाई जाती है। मान्यता है कि इस दिन किए गए पुण्य कार्यों का विशेष फल प्राप्त होता है। इसके साथ ही इस दिन विशेष तौर पर सोने की खरीदारी भी की जाती है। पुराणों के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान विष्णु के छठें अवतार माने जाने वाले भगवान परशुराम जी का महर्षि जमदग्नि और माता रेनुका के घर जन्म हुआ था। इस पावन तिथि पर भगवान परशुराम की पूजा भी की जाती है। आइए जानें शुभ मुहूर्त,पूजा विधि और महत्व-

     शुभ मुहूर्त

    •  तृतीया तिथि आरंभ- 3 मई सुबह 5 बजकर 19 मिनट से शुरू
    •  तृतीया तिथि समाप्त- 4 मई सुबह 7 बजकर 33 मिनट तक
    •  रोहिणी नक्षत्र- 3 मई सुबह 12 बजकर 34 मिनट से शुरू होकर 4 मई सुबह 3 बजकर 18 मिनट तक

     पूजा-विधि

    ‘अक्षय तृतीया’ के दिन सुबह सूर्योदय से पहले स्नान करके पीले वस्त्र धारण करने की मान्यता है। भगवान विष्णु (Lord Vishnu) पीले वस्त्र पहनते हैं, और माना जाता है कि पीला रंग विष्णु भगवान को प्रिय है। इसके पश्चात, भगवान विष्णु की प्रतिमा पर गंगाजल चढ़ाया जाता है और उन्हें मान्यतानुसार पीले फूल और पीले फूलों की माला, साथ ही, तुलसी अर्पित की जाती है।

    पूजा के लिए दीप जलाकर विष्णु चालीसा का पाठ किया जाता है। माना जाता है कि विष्णु आरती और भजन करने से भगवान विष्णु या कहें भगवान परशुराम प्रसन्न होते हैं।

     महत्व

    ‘अक्षय तृतीया’ के दिन को अबूझ मुहूर्त के रूप में माना जाता है। इस दिन विवाह के साथ-साथ वस्त्र, सोने-चांदी के आभूषण, वाहन, मकान, प्रॉपर्टी आदि खरीदना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस धार्मिक कार्यों के साथ-साथ दान पुण्य करना फलदायी होता है। ऐसा करने से धन-धान्य में बढ़ोतरी होती है।