साल 2024 का पहला प्रदोष 9 जनवरी को, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

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सीमा कुमारी

नवभारत डिजिटल टीम: देवों के देव महादेव को समर्पित ‘प्रदोष व्रत’ (Pradosh Vrat) प्रत्येक माह में कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। साल का पहला ‘प्रदोष व्रत’ आज यानी (Bhaum Pradosh Vrat 2024) 9 जनवरी मंगलवार को रखा जा रहा है। जो प्रदोष व्रत मंगलवार के दिन होता है, उसे भौम प्रदोष व्रत (Bhaum Pradosh Vrat) कहा जाता है।

भौम प्रदोष के दिन व्रत रखने से व्यक्ति को हर तरह के रोगों से मुक्ति मिलती है। यह दिन शास्त्रों में बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसे में जो साधक इस दिन माता पार्वती और शिव जी की विशेष आराधना करते हैं उनके ऊपर भगवान की सदैव कृपा बनी रहती है। ऐसे में आइए जानें इस साल का पहला प्रदोष व्रत कब है?

तिथि

साल का पहला प्रदोष व्रत 9 जनवरी दिन मंगलवार को रखा जाएगा। जो प्रदोष व्रत मंगलवार के दिन होता है, उसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है। भौम प्रदोष के दिन व्रत रखने से व्यक्ति को हर तरह के रोगों से मुक्ति मिलती है।

शुभ मुहूर्त

त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 8 जनवरी 2024 को रात 11 बजकर 58 मिनट पर शुरू हो चुकी है। अगले दिन 9 जनवरी 2024 को रात 10 बजकर 24 मिनट पर इसका समापन होगा। इस दिन शिव पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 41 मिनट से रात 08 बजकर 24 मिनट तक है।

शुभ संयोग

पंचांग के अनुसार, 9 जनवरी को प्रदोष व्रत के साथ ही साल की पहली मासिक शिवरात्रि भी है। ये दोनों तिथियां शिव जी को समर्पित हैं। ऐसे में शिवरात्रि और प्रदोष व्रत एक दिन ही पड़ने के कारण इस दिन का महत्व और बढ़ गया है। इस दिन पूजा-पाठ करने से कई गुना फल मिलेगा।

पूजा विधि

भक्त सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें। मंदिर को साफ करें।

शिव परिवार की प्रतिमा स्थापित करें और उनके समक्ष दीया जलाएं।

पूजा करने के लिए शाम का समय सबसे अच्छा है। भगवान को फूल, मिठाइयां और फल अर्पित करें।

भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें।

पूजा का समापन आरती से करें। अंत में शंखनाद करें।

पूजा के बाद भक्त सात्विक भोजन से अपना व्रत खोलें।

महत्व

सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का बड़ा महत्व है। इस साल का पहला प्रदोष व्रत मंगलवार को है, जिसे भौम प्रदोष के नाम से जाना जाता है। इस शुभ दिन पर समर्पण और भक्ति के साथ भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करने से भक्तों को उनकी इच्छाओं के करीब ले जाया जा सकता है।

भौम प्रदोष व्रत पर देवताओं की पूजा करने से सौभाग्य, समृद्धि और खुशहाली आती है। कुछ भक्त इस दिन भगवान शिव की पूजा भगवान नटराज के रूप में भी करते हैं।