शनि जयंती के दिन शनि देव की कृपा से जन्मपत्रिका में शनि की अशुभ स्थिति में मिलने वाले प्रभावों जैसे शनि की साढ़े साती और ढैय्या से भी बचा जा सकता है।
सीमा कुमारी
नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: सनातन धर्म में ‘शनि जयंती’ (Shani Jayanti 2024) का बड़ा महत्व है। इस बार ये जयंती वैशाख माह 8 मई, 2024 दिन बुधवार को मनाई जाएगी। ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, जो साधक इस दिन श्रद्धा के साथ रवि पुत्र यानी शनि देव की पूजा-अर्चना करते हैं उन्हें मनोवांछित फल मिलता है। शनि जयंती के दिन शनि देव की कृपा से जन्मपत्रिका में शनि की अशुभ स्थिति में मिलने वाले प्रभावों जैसे शनि की साढ़े साती और ढैय्या से भी बचा जा सकता है।
इन उपायों को करने से मिलता है लाभ
1- ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार,इस दिन कुछ विशेष उपायों को करने से कई परेशानियों से छुटकारा पाय जा सकता है। शनि संबंधी परेशानियों से बचने के लिए और शुभ फलों की प्राप्ति के लिए कौन-से खास उपाय और मंत्रों का जप करना चाहिए आइए जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से।
2-अगर आपको संतान का सुख प्राप्त नहीं हो पा रहा है, तो शनि जयंती के दिन अपने घर की छत पर, बालकनी या घर के बाहर पक्षियों के लिए दाना और पानी रखें। यहां एक बात का ध्यान देना है दाना और पानी पक्षियों के लिए रखना है, कबूतरों के लिए नहीं। साथ ही शनि देव के इस मंत्र का 51 बार जप करें। मंत्र है – ऊँ ऐं शं ह्रीं शनैश्चराय नम: ।
3- कहते है, इस दिन घर पर ही शिव जी की तस्वीर के आगे आसन बिछाकर भगवान शिव के इस मंत्र का 108 बार जप करें। मंत्र है- ॐ नमः शिवाय । इस उपाय को करने से आपके घर की सुख-समृद्धि बनी रहेगी।
4-अगर घर पर आपकी कोई बात नहीं सुनी जा रही है, तो शनि जयंती के दिन आपको शनि देव का ध्यान करते हुए अपने मंदिर में एक मुठ्ठी साबुत उड़द चढ़ानी चाहिए और शनि देव के मंत्र का 21 बार जप करना चाहिए। मंत्र है- ऊँ श्रीं शं श्रीं शनैश्चराय नम: ।
5-शनि जयंती के दिन पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाने से रोग दूर होते है। कलयुग में शनि की कृपा प्राप्त करने के लिए इस दिन दान करना चाहिए। सुन्दरकाण्ड या हनुमान चालीसा का रोजाना पाठ करना चाहिए।
6-अगर आप साढ़े साती के प्रभाव को समाप्त करना चाहते हैं, शनि जयंती के दिन सरसों के तेल का दान करें। इसके लिए एक कटोरी में तेल लें। अब शनि देव को स्मरण कर तेल का दान करें।