शनि की साढ़े साती और ढैया से यह उपाय दिलाएगा बड़ी राहत, हनुमान जी के सामने जलाएं इस चीज से बने तेल के दीपक

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    सीमा कुमारी

    नई दिल्ली: सनातन धर्म में पूजा पाठ के दौरान दीपक जलाने का विशेष महत्व बताया जाता है। किसी भी देवी-देवता की पूजा के लिए उनके सम्मुख दीपक जलाना बेहद शुभ माना जाता है। आमतौर पर लोग घरों में पीतल, तांबे या फिर मिट्टी के दीपक का इस्तेमाल करते है। इसके अलावा, आटे से बने दीपक जलाना भी शुभ माना जाता है। मान्यता है कि, आटे के दीपक किसी मनोकामना के लिए जलाया जाता है। इसके अलावा, आप चाहे तो इन उपायों को अपनाकर जीवन में खुशियां ही खुशियां ला सकते हैं। आइए जानें उन उपायों के बारे में-

    ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान मंदिर जाकर आटे का दीपक जलाएं। ऐसा करने से कुंडली में शनि ग्रह की स्थिति मजबूत होगी। इसके साथ ही शनि साढ़े साती और ढैय्या का दुष्प्रभाव भी कम होगा।

    मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए मां लक्ष्मी के समक्ष आटे के दीपक में थोड़ा सा हल्दी मिलाकर जलाएं। ऐसा करने से मां लक्ष्मी अति प्रसन्न होगी।

    ज्योतिषियों का मानना है कि, अगर आपकी कोई मनोकामना है, तो आटे के दीपक बनाकर उसमें घी और बत्ती डालकर हनुमान जी के समक्ष जला दें। ऐसा करने से आपके ऊपर हनुमान जी की विशेष कृपा होगी।

    इसी तरह मां अन्नपूर्णा देवी को भी आटे के दीपक जलाकर घर में आर्थिक तंगी दूर करने की मुराद मांगी जाती है। दूसरे दीपकों की तुलना में आटे के दीप को ज्यादा शुभ और पवित्र माना गया है।

    कुंडली में मौजूद शनि साढ़े साती और ढैय्या के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए शनिवार के दिन शनि मंदिर जाकर आटे के दीपक में सरसों के तेल से दीपक जलाएं। इससे लाभ मिलेगा।

    अगर आपको पैसों से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, तो 11 दिन का संकल्प लेकर रोजाना मां लक्ष्मी के सामने आटे से बना दीपक जलाएं। इससे आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।