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    – सीमा कुमारी  

    सनातन हिंदू धर्म में ‘अक्षय तृतीया’ (Akshaya tritiya) को बहुत ही शुभ एवं पुण्यदायी माना जाता है। ‘अक्षय तृतीया’ का पावन पर्व हर साल वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह पावन तिथि 3 मई  मंगलवार को है।

    ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, अक्षय का मतलब है जिसका कभी क्षय न हो, यानी जो कभी नष्ट न हो। मान्यता है कि इस दिन किए गए पुण्य कार्यों का विशेष फल प्राप्त होता है। इसके अलावा, इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने और सोने की खरीदारी करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। लेकिन कुछ ऐसे काम भी हैं जिन्हें ‘अक्षय तृतीया’के दिन करना अशुभ माना जाता है। आइए जानें उन कामों के बारे में –

    ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, ‘अक्षय तृतीया’ के दिन बिना स्नान किए तुलसी की पत्तियां न तोड़ें। भगवान विष्णु को तुलसी बहुत ही प्रिय होती हैं, इसलिए ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं।

    कहते हैं कि, इस दिन अपने बड़ों का निरादर करना, घर के बार आए व्यक्ति को खाली हाथ वापस लौटाना अशुभ माना जाता है। इसलिए इस दिन जरूरी है कि आप अपनी सामर्थ्य के अनुसार कुछ भी वस्तु दान करें और बुजुर्गों का का सम्मान करें।  

    इस दिन आपको नया घर खरीदना तो चाहिए। लेकिन किसी भी तरह का निर्माण कार्य नहीं करना चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है।

    इस दिन घर में लक्ष्मी का वास होता है। इसलिए इस दिन साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। घर के हर कोने को साफ करना चाहिए। गंदे स्थान पर पूजा नही करनी चाहिए। माता के लिए नया स्थान भी लगा सकते हैं।

    मान्यताओं के अनुसार, ‘अक्षय तृतीया’ के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने का रिवाज है। मान्यता है कि, ऐसा करने से घर में मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। इस दिन अगर कोई किसी के प्रति मन में बुरा भाव रखता है तो उसकी पूजा सफल नहीं होती है।

    शास्त्रों के अनुसार, इस दिन खरीदारी का विशेष महत्व माना गया है। इसलिए ध्यान रहे कि इस दिन अपनी सामर्थय के अनुसार सोना-चांदी, कपड़े, बर्तन या कोई भी वस्तु जरूर घर लाएं। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है। बिना नई वस्तु के पूजन अशुभ फल दे सकता है।