आज है ‘परिवर्तिनी एकादशी’, भगवान के ‘इस’ अवतार की होती है पूजा, जानिए पूजा का मुहूर्त

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सीमा कुमारी

नवभारत डिजिटल टीम: हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को ‘परिवर्तिनी एकादशी’ (Parivartini Ekadashi) का व्रत रखा जाता है। इस वर्ष ‘परिवर्तिनी एकादशी’ आज यानी 25 सितंबर, सोमवार को मनाई जा रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी व्रत के दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि, धन एवं ऐश्वर्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। 

ज्योतिषियों के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के वामन स्वरूप की पूजा होती है। कहा जाता है कि इस एकादशी के दिन भगवान विष्णु शयन के समय करवट बदलते है। इसी वजह से इस एकादशी का नाम ‘परिवर्तिनी एकादशी’ (Parivartini Ekadashi) है। आइए जानें कब रखा जाएगा ‘परिवर्तिनी एकादशी’ व्रत, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

तिथि

इस वर्ष ‘परिवर्तिनी एकादशी’ आज यानी  25 सितंबर सोमवार को मनाई जा रही है। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी की तिथि 25 सितंबर को सुबह 7.55 मिनट से शुरू हो गई है और 26 सितंबर को सुबह पांच बजे तक रहेगी।

पूजा विधि

इस दिन प्रात: जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण कर व्रत का संकल्प करें। पूजा घर में चौकी पर पीले रंग का वस्त्र बिछाकर भगवान विष्णु की तस्वीर स्थापित करें। भगवान को चंदन और अक्षत लगाएं। पुष्प, माला, तुलसी के पत्ते चढ़ाएं और विष्णु एकादशी व्रत की कथा का पाठ करें। संध्या के समय आरती के बाद प्रसाद ग्रहण करें।

धार्मिक महत्व

परिवर्तिनी एकादशी व्रत’ गणेश उत्सव की अवधि में रखा जाता है। ऐसे में इस दौरान व्यक्ति को भगवान विष्णु और भगवान गणेश की उपासना का सौभाग्य प्राप्त होता है। मान्यता है कि ‘परिवर्तिनी एकादशी’ के दिन उपवास रखने से स्वर्ण दान और वाजपेय यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है। इस विशेष दिन को ‘जलझूलनी एकादशी’ के नाम से भी जाना जाता है। साथ ही इस दिन वामन देव की पूजा भी की जाती है, जिससे साधक को भय, रोग, दोष इत्यादि से मुक्ति मिल जाती है।