-सीमा कुमारी
हिंदू धर्म में दूर्वा यानी दूब को बहुत ही पवित्र माना जाता है। दूर्वा विघ्नहर्ता भगवान गणेश को अति प्रिय है। गणेश जी की पूजा अर्चना में इसका इस्तेमाल विशेष रूप से किया जाता है। कहा जाता है कि बिना दूर्वा के भगवान गणेश की पूजा अधूरी मानी जाती है।
मान्यताओं के अनुसार, गणपति जी को दूर्वा चढ़ाने से वह जल्द प्रसन्न होते हैं और जातक के हर कष्ट हो हर लेते हैं। और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। साथ ही दूर्वा के कुछ उपाय भी बेहद चमत्कारी माने गए हैं। आइए जानते हैं दूर्वा के इन चमत्कारी उपायों के बारे में –
ज्योतिष- शास्त्र के अनुसार, गणपति बप्पा को प्रसन्न करने सुबह के समय स्नान आदि करने के बाद पूजा आरंभ करें। सबसे पहले गणेश जी को दूर्वा अर्पित करें। दूर्वा भगवान गणेश के मस्तक पर रखना चाहिए। इस बात का ध्यान रखें कि गणेश जी के चरणों में दूर्वा नहीं रखें। इससे व्यक्ति को फल नहीं मिलता है।
प्रथम पूजनीय भगवान गणपति की साधना में दूर्वा का विशेष प्रयोग किया जाता है। गणपति जी की पूजा दूर्वा से करने से कुबेर के समान धन की प्राप्ति होती है।
अधिक आमदनी होने के बावजूद पैसा नहीं बच रहा है, तो भगवान गणेश और माता लक्ष्मी को शुभ मुहूर्त या फिर हर मास की चतुर्थी के दिन पांच दूर्वा में 11 गांठ चढ़ा दें। इससे लाभ मिलेगा।
ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार ,घर में सुख-शांति बनाए रखने के लिए रोजाना या बुधवार के दिन गाय को दूर्वा खिलाएं। इससे गाय माता के साथ गणपति जी की भी कृपा बनी रहेगी।
जन्म कुण्डली में बुध की स्थिति को सुधारने में भी दूर्वा उपयोगी है। हर बुधवार को गणेश मंदिर में दूर्वा की 11 गट्ठर चढ़ाएं। नतीजतन, गणेश प्रसन्न होंगे और बुध की दशा बीत जाएगी। गणेश जी को चढ़ाने के लिए किसी साफ जगह से दूर्वा तोड़ें।