Buddha-Purnima

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    सीमा कुमारी

    नई दिल्ली: आज बुद्ध पूर्णिमा का पावन पर्व है, वैशाख महीने में इस पूर्णिमा तिथि को सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक मानी जाती है। इस साल वैशाख पूर्णिमा आज यानी 16 मई को है, जिसे बुद्ध अनुयायी बड़े अच्छे से मनाते है। बता दें कि वैशाख पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है,और इतना ही नहीं बल्कि हिंदू और बुद्ध दोनों धर्मों के लिए खास महत्व रखती है। आइए आज बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर जानते है भगवान बुद्ध ने पहला उपदेश कब और कहां दिया था….     

    आपको बता दें कि आज धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बौद्ध धर्म के संस्थापक महात्मा गौतम बुद्ध का जन्म वैशाख पूर्णिमा के दिन हुआ था। शास्त्रों के अनुसार इस दिन, भगवान बुद्ध, भगवान विष्णु और भगवान चंद्रदेव की पूजा का विधान है। ऐसी मान्यता है कि, महात्मा बुद्ध, भगवान विष्णु के ही अवतार है। 

     शुभ मुहूर्त

    वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि आज यानी 16 मई के दिन पड़ रही है। पूर्णिमा तिथि का कल यानी 15 मई से, रात्रि 12:45 से होकर 16 मई रात्रि 9 बजकर 45 मिनट तक है। वैशाख पूर्णिमा का व्रत आज यानी सोमवार, 16 मई 2022 को रखा जाएगा। 

    महत्व

    पौराणिक कथाओं के अनुसार, सिद्धार्थ गौतम (गौतम बुद्ध) का जन्म लुंबिनी में राजा शुद्धोदन और मायादेवी से हुआ था। वह कपिलवस्तु में एक आलीशान महल में पले-बढ़े। हालांकि उन्होंने कम उम्र में भौतिकवादी सुखों और अपव्यय को त्याग दिया। उन्होंने मानवीय कष्टों को देखने के बाद शाश्वत सत्य की खोज की। इस प्रकार एक शाही परिवार में जन्म सिद्धार्थ, प्रबुद्ध बन गए। उन्होंने एक बरगद के पेड़ के नीचे ध्यान करते हुए ज्ञान प्राप्त किया।

    सालों बाद बोधगया में ज्ञान प्राप्त करने के बाद गौतम बुद्ध ने सारनाथ में अपना पहला उपदेश दिया। ऐसा कहा जाता है कि बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त करने के पांच सप्ताह बाद बोधगया से सारनाथ की यात्रा की। जब गौतम बुद्ध बोधगया में थे। तब उनके पांच तपस्वी शिष्य पंचवर्गिका, सारनाथ में ऋषिपटन गए थे। ज्ञान प्राप्त करने के बाद बुद्ध ने अपना पहला उपदेश देने के लिए सारनाथ की ओर प्रस्थान किया। इसलिए दुनिया भर के बौद्ध शांति, भाईचारे और सद्भाव के साथ बुद्ध पूर्णिमा मनाते  है।